वरीय पुलिस अधिकारियों की फाइलों में दफन हुआ कोर्ट का आदेश
एसएसपी से लेकर डीजीपी तक कोर्ट से जारी पत्रों का नहीं देते हैं जवाब
गिरफ्तारी वारंट के बावजूद पुलिस अधिकारी गवाही देने नहीं आ रहे हैं
Court News: रांची जिले के पुलिस अधिकारी कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। कोर्ट के आदेश पुलिस पदाधिकारियों की फाइलों में दफन हो रहे हैं। कोर्ट लगातार मामले के गवाहों को भेजने के लिए थाना प्रभारी, एसएसपी से लेकर डीजीपी तक लिख रही है। इसके बावजूद इस पर संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। ऐसे कई मामलों में देखने को मिल रहा है।
पिछले दिनों सेशन कोर्ट ने जानलेवा हमला एवं आर्म्स एक्ट के एक मामले में गवाहों के लिए लंबा सात साल तक इंतजार किया। इस दौरान अदालत ने मामले के गवाह सूचक आरिफ खान, पीड़ित मो. फैयाज एवं जांच अधिकारी सब-इंस्पेक्टर रघुनाथ किस्कू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट तक जारी किया। एक बार नहीं दो-दो बार किया गया।
एसएसपी रांची को दो बार गवाहों को भेजने को कहा गया। जब यहां से भी कोई सूचना नहीं मिली तो अंत में अदालत ने राज्य के डीजीपी को लेटर लिखा। डीजीपी को लेटर निर्गत करने के बाद छह महीने तक गवाहों के आने का इंतजार किया। थक हार कर सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त दिवाकर पांडे की अदालत ने दो मार्च 2024 को अभियोजन साक्ष्य बंद कर दिया। 9 मई को आरोपी सद्दाम उर्फ काली को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
यह है पूरा मामला
डोरंडा थाना क्षेत्र के रोड नं. 1 केजीएन कॉलोनी निवासी आरिफ खान 8 जुलाई 2016 की शाम 5.30 बजे डोरंडा बाजार के लिए घर से निकला। अचानक नीम चौक के पास डोरंडा के मनी टोला निवासी सद्दाम उर्फ काली ने उसे रोककर गाली-गलौज करने लगा। जान मारने की नियत से उसके सर पर पिस्तौल सटाकर ट्रीगर दबाया, लेकिन गोली नहीं चली।
इसके बाद सद्दाम पिस्तौल लहराते हुए भाग गया। इसमें फयाज नामक व्यक्ति के गर्दन में चोट लगी थी। इस घटना के बाद उसी दिन डोरंडा थाना में कांड संख्या 175/16 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले में जांच पूरी करते हुए एसआई रघुनाथ किस्कू ने चार्जशीट दाखिल की थी।
एसएसपी से लेकर डीजीपी तक सब फेल
- गवाह को समन – 18 जुलाई 2017
- जमानतीय वारंट – 1 सितंबर 2017
- गैर जमानतीय वारंट – 20 फरवरी 2018
- फ्रेश जमानतीय वारंट – 29 मई 2018
- फ्रेश गिरफ्तारी वारंट – 22 सितंबर 2018
- एसएसपी को लिखा – 24 फरवरी 2022
- पुन: एसएसपी को याद कराया गया – 14 सितंबर 2022
- अंत में डीजीपी को लिखा गया – 12 सितंबर 2023