Court News: नाबालिग से यौन उत्पीड़न से जुड़े मुकदमें अदालत की चौखट पर पहुंचकर कई मामलों की पीड़िता पूर्व के बयान से मुकर जा रही है। इसका लाभ ट्रायल फेस कर रहा आरोपियों को मिल रहा है। जब अदालत में पीड़िता अपने पूर्व के बयान से पलट जाती है, वैसे ही मुकदमा कमजोर हो जाता है।
इस महीने सात से अधिक मामले के आरोपी पीड़िता के पूर्व के बयान से पलटने पर अदालत ने बरी कर दिया है। 14 मार्च को पोक्सो मामले की विशेष अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म से जुड़े तीन मामलों के आरोपियों को पीड़िता के मुकरने के कारण बरी करना पड़ा। यहां बता दें कि नाबालिग से यौन उत्पीड़न या दुष्कर्म की घटना के बाद संबंधित थाने में भादवि के साथ पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाती है। पीड़िता का बयान न्यायिक दंडाधिकारी बंद कमरे में दर्ज करती हैं।
इसके बाद पुलिस दर्ज प्राथमिकी पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजती है। समय पर जांच पूरी करते हुए घटना को सही बताते हुए चार्जशीट दाखिल की जाती है। आरोपियों पर आरोप तय किया जाता है। केस स्थापित करने के लिए अभियोजन साक्ष्य प्रस्तुत किया जाता है। जिसमें पीड़िता की गवाही अनिवार्य होती है। पीड़िता घटना को गलत बताती है।
इन मामलों में के आरोपी बरी
- नवंबर 2023 में चान्हो थाना में आनंद महतो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। तीन निर्धारित तारीखों में छह गवाही दर्ज की गई। आरोपी को फंसाने के लिए झूठा केस किया गया था।
- दिसंबर 2023 में अरगोड़ा थाना में सुधीर यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। तीन निर्धारित तारीख में दो गवाही दर्ज, पीड़िता मुकरी।
- दिसंबर 2020 में जगनाथपुर थाना में नितीश महतो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। गवाही में पीड़िता ने पूर्व के बयान से पलट गई।
- अप्रैल 2023 में बेड़ो थाना में बल्कू महतो एवं बिनोद महतो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। 31 जनवरी को पीड़िता बयान से मुकर गई।
- साल 2020 में बरियातू थाना में सोनू मुंडा के खिलाफ दर्ज मामले में पीड़िता मुकरी, बरी
- अक्तूबर 2023 में चान्हो थाना में सबीर अंसारी के खिलाफ दर्ज मामले की पीड़िता मुकरी, बरी