ठेकों में कमीशनखोरी से प्राप्त बड़ी रकम का मनी लाउंड्रिंग करने के आरोपी में जेल में बंद पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को पीएमएलए कोर्ट से राहत नहीं मिली है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने आलमगीर आलम की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
बुधवार को याचिकाकर्ता आलमगीर आलम की ओर से मामले में बहस पूरी कर ली गई। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि आलमगीर आलम मामले में पूरी तरह से निर्दोष हैं। जिस आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन पर वह आरोप साबित नहीं हो रहा है। गलत तरीके से उनकी गिरफ्तारी हुई है। साथ ही उम्र और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत देने का अनुरोध किया गया।
ईडी की ओर से शुक्रवार को बहस किया गया। जिसमें आलमगीर आलम को जमानत नहीं देने का अनुरोध किया गया। पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से लगभग 1500 पन्नों की लिखित बहस अदालत में फाइल की गई थी। ईडी की ओर से मामले में जवाब दाखिल है।
बता दें आलमगीर आलम ने 18 जुलाई को गिरफ्तारी के 64 दिनों बाद जमानत की गुहार लगाई है। दाखिल याचिका में अपने आप को मामले में निर्दोष बताया है। ईडी ने उनको 15 मई को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में हैं। यह गिरफ्तारी उनके आप्त सचिव संजीव कुमार लाल एवं उसका नौकर जहांगीर आलम के यहां से मिले 32.30 करोड़ रुपए नकद बरामदी मामले में किया गया है। इसी मामले में ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम समेत नौ आरोपी जेल में है।