Bhart Sharma: भोजपुरी गायक भरत शर्मा ने आयकर विभाग के तीन मामलों में धनबाद कोर्ट में सरेंडर किया। आर्थिक अपराध की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी श्वेता कुमारी की अदालत ने उन्हें तीनों मामलों में न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। शर्मा तीनों मामलों में सजायाफ्ता हैं। झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर अदालत में उन्होंने सरेंडर किया।
भरत शर्मा की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन की अर्जी दाखिल की गई थी। 27 जून 2024 को हाईकोर्ट ने उन्हें दो सप्ताह के अंदर निचली अदालत में आत्मसमर्पण कर सरेंडर सर्टिफिकेट दाखिल करने का आदेश दिया था। भरत शर्मा को आर्थिक अपराध के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत की ओर से 13 जून 2018 को आयकर विभाग से फर्जी दस्तावेज के आधार पर टीडीएस का भुगतान लेने संबंधी तीन मामलों में अलग-अलग दो वर्ष का कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपए आर्थिक जुर्माना की सजा सुनाई गई थी।
निचली अदालत की सजा के खिलाफ उन्होंने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में अपील दाखिल की थी। तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम संजय कुमार प्रथम की अदालत ने भरत शर्मा की तीनों अपील को निरस्त करते हुए निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा था। इस फैसले के खिलाफ भारत शर्मा ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल किया था।
पहले मुकदमे में आयकर विभाग ने कहा था कि वित्तीय वर्ष 1999-2000 में आयकर रिटर्न भरते समय 2001 को भरत शर्मा द्वारा अपनी कुल आय 75,400 दिखायी था एवं आयकर विभाग से 1,03000 रुपए रिफंड का दावा किया गया था। इसी प्रकार दूसरे मामले में वित्तीय वर्ष 1998-1999 में 31 मार्च 2000 को टीडीएस क्लेम के दवा में अपनी कुल आए 75,330 दिखाया तथा आयकर विभाग से 79,260 रुपए के भुगतान का दावा किया। तीसरे मामले के वित्तीय वर्ष 1997-1998 में 31 मार्च 1999 को टीडीएस के भुगतान के समय उन्होंने अपनी आए 89,500 रुपए दिखाते हुए 37,634 रुपए रिफंड लिया था।