दुमका के द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सह निगरानी के विशेष न्यायाधीश प्रकाश झा की अदालत ने रानेश्वर के बीडीओ शिवाजी भगत को चार साल का सश्रम कारावास और 1.20 लाख रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर 9 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अदालत ने 22 जुलाई को बीडीओ को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया था।
अदालत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेल में बंद रानेश्वर के बीडीओ सह जामताड़ा के नाला प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ शिवजी भगत को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत कारावास और जुर्माने की सजा सुनायी।
जामताड़ा जिले के नाला प्रखंड क्षेत्र के रहने वाले तारक नाथ मंडल की शिकायत पर निगरानी थाना में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एक अप्रैल 2010 को नाला में पदस्थापित तत्कालीन बीडीओ शिवजी भगत के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। इसमें तीस हजार रुपए घूस की मांग कर परेशान करने का आरोप लगाया गया था।
एपीपी ने बताया कि वर्ष 10 में शिवाजी भगत नाला के बीडीओ सह अंचलाधिकारी थे। नाला निवासी तारकनाथ मंडल अपने पुराने घर तोड़कर नया बनाना चाहता था। काम के दौरान गांव के लोगाें ने उस पर सरकारी स्कूल की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए सीओ से शिकायत की। सीओ ने जांच करने के बाद भी रिपोर्ट समर्पित नहीं की।
तारकनाथ ने इसकी शिकायत तत्कालीन एसडीओ दशरथ चंद्र दास से की तो उन्होंने सीओ को जांच कर रिपोर्ट मांगी। बीडीओ सह सीओ ने जमीन पर काम चालू कराने की अनुमति देने के लिए पीड़ित से 30 हजार रुपया की मांग की। जमीन पीड़ित की थी, इसलिए उसने पैसा देने से मना कर दिया। लगातार दबाव देने के बाद एसीबी से शिकायत की। एसीबी ने एक अप्रैल 10 को उन्हें कार्यालय में ही पैसा लेते धर दबोचा। सात माह तक शिवाजी जेल में रहे। बताया कि अदालत ने धारा सात और 13 के तहत सजा देते हुए जुर्माना भी लगाया है।