सहायक आचार्य नियुक्ति: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डा. एसएन पाठक की अदालत में सहायक आचार्य की नियुक्ति में प्रवेश पत्र नहीं दिए जाने से संबंधित मामले को लेकर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने जेएसएससी को याचिका दाखिल करने वाले 41 अभ्यर्थियों की चार सप्ताह में अलग से विशेष परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि उक्त अभ्यर्थियों की नियुक्ति इस मामले के अंतिम आदेश के प्रभावित होगी।अदालत ने जेएसएससी को छह सप्ताह में अपना जवाब भी दाखिल करने को कहा है। इस संबंध में अमृता कुमारी व अन्य 41 अभ्यर्थियों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। 12 जून से परीक्षा होने वाली है।
आवेदन के बाद नियुक्ति नियमावली में संशोधन
सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने अदालत को बताया कि सरकार की ओर से सहायक आचार्य की नियुक्ति को लेकर जेएसएससी ने वर्ष 2023 में विज्ञापन जारी किया था। अभ्यर्थियों की ओर से आवेदन दिया गया था। इस बीच सरकार ने वर्ष 2024 में नियुक्ति नियमावली में संशोधन कर दिया।
प्रार्थियों को यह कहते हुए प्रवेश पत्र नहीं दिया गया कि ये सभी संशोधित नियमावली की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं। उसके अनुसार इनकी शैक्षणिक योग्यता भी नहीं है। जबकि एक अन्य अभ्यर्थी, जो समान शैक्षणिक योग्यता रखता है, उसे प्रवेश पत्र दिया गया है। ऐसे में अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा कोई भी संशोधन लागू होने की तिथि से मान्य होता है। जबकि प्रार्थियों ने वर्ष 2023 में ही आवेदन दिया था और उनका आवेदन स्वीकार भी हो गया था। ऐसे में नए संशोधन के बाद उन्हें परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता है।
जेएसएससी चेयरमैन कोर्ट में हुए उपस्थित
पहली पाली में सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले में जेएसएससी चेयरमैन को आनलाइन जुड़ने का आदेश दिया। दूसरी पाली में सुनवाई के दौरान जेएसएससी चेयरमैन प्रशांत कुमार कोर्ट में आनलाइन उपस्थित हुए और कहा कि अभ्यर्थियों के संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से मंतव्य मांगा गया था। उसके आधार पर ही इनको प्रवेश पत्र नहीं दिया गया। इसपर अदालत ने कहा कि कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले सभी 41 अभ्यर्थियों की विशेष परीक्षा लेने की व्यवस्था की जाए।