Ranchi: Assistant Professor Appointment झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सहायक प्रोफेसर नियुक्ति के साक्षात्कार में शामिल किए जाने की मांग को लेकर दाखिल दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई। जेपीएससी का जवाब सुनने के बाद अदालत ने दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया।
इसको लेकर अनूप कुमार मेहता और पूनम कुमारी ने अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की थी। अनूप कुमार मेहता की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रार्थी बीसी- दो वर्ग से इतिहास विषय के लिए आवेदन दिया था। शैक्षणिक योग्यता सहित अन्य अहर्ता में स्व आकलन से उन्हें 53.25 अंक मिले।
लेकिन आयोग की ओर से उन्हें साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया है। जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने कहा गया कि इस श्रेणी में साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने वाले अंतिम अभ्यर्थी को 54 अंक मिले है। इसलिए इन्हें नहीं बुलाया गया है। अदालत ने अनूप कुमार मेहता की याचिका को खारिज कर दिया।
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वहीं, पूनम कुमारी की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रार्थी बीसी-एक की श्रेणी से आती हैं। इन्होंने भी इतिहास विषय से ही आवेदन दिया था। इनके शिक्षण से संबंधित अनुभव के लिए अंक नहीं दिया गया है। जबकि उन्हें इसके लिए अंक दिया जाता है, तो वह साक्षात्कार के लिए चयनित होती।
जेपीएससी ने कहा कि विज्ञापन में संविदा पर पूर्णकालिक और नियमित शिक्षण कार्य करने पर ही अनुभव के लिए अंक दिया जाता है। इसके अनुसार उनकी शिक्षण योग्यता नहीं होने के कारण उन्हें अनुभव के लिए अंक नहीं दिया गया है। अदालत ने इनकी याचिका को भी खारिज कर दिया था। बता दें कि वर्ष 2018 में जेपीएससी की ओर से सहायक प्रोफेसर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। जिसके लिए अभी साक्षात्कार लिया जा रहा है।