झारखंड हाईकोर्ट ने रांची के एससपी से कहा है कि शहर में स्कूल और मंदिरों के निकट किसी भी हाल में शराब की बिक्री नहीं होने देने का निर्देश दिया है। इन स्थानों के निकट बार खोला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। सोमवार को नशे के कारोबार मामले में स्वत: संज्ञान लिए मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह बात कही। सुनवाई के दौरान राज्य के डीजीपी और रांची के एसएसपी अदालत में हाजिर थे।अदालत ने कहा कि उत्पाद विभाग के साथ-साथ पुलिस की भी यह जिम्मेवारी है कि रांची शहर में अवैध ढंग से शराब की बिक्री न हो। कोर्ट ने मौखिक कहा कि यह रांची की तुलना मुंबई और गोवा से नहीं की जा सकती। यहां के बार एवं रेस्टोरेंट को नियंत्रित करना होगा, ताकि सामाजिक दायित्व का समुचित निर्वहन हो सके।
देर रात तक बार एवं रेस्टोरेंट खुला रहने से अप्रिय घटना होने की आशंका ज्यादा रहती है। पुलिस की पीसीआर वैन रात में शराबियों एवं आपराधिक तत्वों पर नजर रखे। अदालत ने डीजीपी को निर्देश दिया कि अफीम, चरस, गांजा सबित अवैध शराब पर नियंत्रण के लिए एसओपी बनाएं। पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) आपसी सहयोग से झारखंड में अफीम की खेती नष्ट करने के लिए कार्रवाई करें। कोर्ट ने कहा कि खूंटी सहित राज्य के कई जिलों में जंगलों में अफीम की खेती होती है। सैटेलाइट मैपिंग के माध्यम से पुलिस और एनसीबी को-ऑर्डिनेशन से इसका पता लगाकर इन्हें नष्ट करने की कार्रवाई करें।