Cleaning of Bada Talab case: राजधानी रांची के बड़ा तालाब की साफ सफाई और जल स्रोतों पर अतिक्रमण को हटाने को लेकर हाईकोर्ट द्वारा लिए गए स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव, रांची नगर निगम नगर आयुक्त एवं रेन वाटर हार्वेटिंग टीम में शामिल तीन इंजीनियरों को व्यक्तिगत रूप से गुरुवार को तलब किया है। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में हुई। मामले की सुनवाई गुरुवार को जारी रहेगी।
झारखंड हाई कोर्ट ने पेयजल स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव और नगर आयुक्त को गुरुवार को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने रेनवाटर हार्वेस्टिंग में शामिल रहने वाले रांची नगर निगम के प्रतिनिधि के रूप में शामिल तीन अभियंताओं को भी कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. अधिवक्ताओं की कमेटी ने रांची नगर निगम के इन तीन अभियंताओं पर बहुमंजिला इमारतो में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जांच करने गई कमेटी को सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है.
सुनवाई के दौरान झारखंड सिविल सोसाइटी की ओर से अधिवक्ता खुशबू कटारुका ने कोर्ट को बताया कि बड़ा तालाब की सफाई पर अब तक 50 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन बड़ा तालाब के सफाई को लेकर रांची नगर निगम अब तक औपचारिकता ही पूरा करता आया है, जिससे बड़ा तालाब के पानी के दुर्गंध से वहां के लोगों का रहना दुर्भर हो गया है। नाले का पानी बड़ा तालाब में बिना साफ किए अभी भी जा रहा है. यही हाल कांके डैम और हरमू नदी का भी है। वहां भी सफाई ढंग से नहीं होती है। इस पर कोर्ट ने मौखिक कहा कि हरमू नदी अब नाले के रूप में बदल चुकी है, सरकार इसकी देखभाल ढंग से नहीं करती है।
वही रोहित राय की ओर से कोर्ट को बताया गया की लालपुर, सर्कुलर रोड स्थित होटल अप्सरा के पीछे न्यू कॉलोनी में पिछले एक माह से नल से आपूर्ति होने वाला पानी काफी गंदा आ रहा है।जल आपूर्ति का समय निर्धारित नहीं है। लोगों को पानी के लिए रात में जगना पड़ रहा है। राजधानी के कई इलाके में कभी रात 2:00 बजे नल से पानी आता है, कभी रात 3:00 बजे पानी आता है. गंदा पानी पीने से यहां के लोग बीमार पड़ रहे है। उनकी ओर से कोर्ट के समक्ष आपूर्ति होने वाले गंदे पानी का फोटोग्राफ भी प्रस्तुत किया गया। कोर्ट ने कल मामले की सुनवाई के दौरान उन्हें गंदे पानी का सैंपल कोर्ट में प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा कि इतनी बड़ी राशि बड़ा तालाब की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण के लिए जो खर्च किया गया है, बावजूद स्थिति सही नहीं है। साथ ही मामले की सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी। इतनी बड़ी राशि खर्च किए जाने के बाद भी तालाब के निकट से गुजरनेवाले को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तालाब का पानी दुर्गंध दे रहा है। जो कार्य के लिए राशि खर्ज की गई वह तो पूरी हुई ही नहीं। इतनी बड़ी राशि खर्च करने का मतलब क्या है।