रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता शशांक शेखर मिश्रा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है। अधिवक्ता शशांक शेखर मिश्रा अरगोड़ा थाना क्षेत्र में रहते थे। बताया जा रहा है कि मंगलवार को तनाव में आकर शशांक ने जहर खा लिया।
हालत बिगड़ते ही परिजन उन्हें आनन-फानन में रिम्स ले गए, जहां इलाज के दौरान बुधवार की रात उनकी मौत हो गई। शशांक की इसी साल मई महीने में शादी हुई थी। उनकी पत्नी भी अधिवक्ता है।
तनाव में रहते थे शशांक शेखर मिश्रा
वकालत के पेशे में चार साल पहले आया था। हमेशा तनाव में रहता था। पेशे को लेकर तनाव में रहा करता था। आशंका जताई जा रही है कि अधिवक्ता शशांक ने तनाव में ही जहर खाकर आत्महत्या की होगी।
सिविल जज नियुक्ति मामले में प्रार्थी की याचिका खारिज
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आर मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रतियोगिता परीक्षा में स्पोर्ट्स कोटा के तहत नियुक्ति को लेकर दायर याचिका पर फैसला सुनाया है।
अदालत ने प्रार्थी को राहत देने से इन्कार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी। अदालत ने जेपीएससी के फैसले को सही माना। इस संबंध में मयंक सिंह ठाकुर ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
याचिका में कहा गया था कि जेपीएससी की ओर से जारी सिविल जज जूनियर डिविजन के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। उन्होंने आवेदनदिया था। उनके पास वैध स्पोर्ट्स का प्रमाण पत्र भी था। लेकिन जेपीएससी ने उनका चयन नहीं किया है।
जेपीएससी की ओर से कहा गया था कि उनका स्पोर्ट्स का प्रमाण पत्र वैध नहीं है। इसलिए इन्हें इसका लाभ नहीं दिया जा सकता है। पूर्व में अदालत ने सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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