New Delhi: PMLA Act सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि प्रत्येक मामले में ईडी (पीएमएलए एक्ट) का इस्तेमाल करने से उस एक्ट की महत्ता समाप्त हो जाएगी। क्योंकि यह एक स्पेशल एक्ट है, लेकिन वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि प्रत्येक केस में ईडी भी मामला दर्ज कर रही है।
उक्त टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उषा मार्टिन कंपनी के आरोपित प्रतिनिधि को अंतरिम राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने उषा मार्टिन के प्रतिनिधि की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला अभी प्रारंभिक चरण में है, ऐसे में अदालत इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कंपनी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ सुनवाई कर रही है।
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चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि वर्तमान में सीबीआई के बाद ईडी द्वारा केस दर्ज करने का प्रचलन बढ़ा है। प्रत्येक केस में मनी लाउंड्रिंग होना नहीं माना जा सकता है। ईडी एक्ट के तहत आने वाले मामलों में ही इसका इसका इस्तेमाल करना चाहिए, नहीं तो इस एक्ट की उपयोगिता समाप्त हो जाएगी। यह भी दूसरे अन्य एक्ट की तरह सामान्य हो जाएगा, जबकि यह एक विशेष एक्ट है।
बता दें कि वर्ष 2003 में उषा मार्टिन को आयरन ओर के लिए खनन पट्टा मिला था। इसमें कहा गया था कि आयरन ओर फाइंस (बायोप्रोडक्ट) को बाहर के बाजार में नहीं बेचा जाना है। लेकिन कंपनी की ओर से इसका उल्लंघन किया गया। हालांकि इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट की खंडपीठ ने पूर्व में एक आदेश दिया था, जिसमें आयरन फाइंस को बेचना लीज का उल्लंघन नहीं है। लेकिन इस मामले सीबीआई जांच के बाद ईडी ने भी कंपनी के प्रतिनिधि के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।