Ranchi: Regularization झारखंड हाईकोर्ट ने देवघर की 23 महिला पर्यवेक्षक को नियमित करने का आदेश दिया है। प्रार्थी प्रियंका कुमारी व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में महिला बाल एवं कल्याण सचिव को इन्हें नियमित करने का आदेश दिया है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि उमा देवी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में दस सप्ताह के अंदर विभाग इन्हें नियमित करे। अदालत सभी प्रार्थियों को सचिव के यहां आवेदन देने का निर्देश दिया है। इसके बाद अदालत ने उक्त याचिका को निष्पादित कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने उमा देवी बनाम कर्नाटक सरकार के मामले में दस साल सेवा देने वालों को स्वीकृत पद होने पर नियमित करने का आदेश पारित किया है। इस मामले में देवघर की महिला पर्यवेक्षक प्रियंका कुमारी सहित 23 अन्य वादियों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
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सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राधा कृष्णा गुप्ता ने अदालत को बताया कि राज्य कई जिलों में महिला पर्यवेक्षकों को नियमित और कई जिलों में संविदा पर नियुक्ति की गई है। प्रार्थी देवघर जिले में वर्ष 2005 से ही संविदा पर कार्य कर रहे हैं। जबकि उक्त जिले में महिला पर्यवेक्षक के 30 पद रिक्त है।
ऐसे में उमा देवी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश और राज्य सरकार की ओर से नियमितीकरण नियमावली-2015 के अनुसार इन्हें भी नियमित किया जाना चाहिए। लेकिन राज्य सरकार की ओर से अभी तक ऐसा नहीं किया गया है।
इस पर अदालत ने प्रार्थियों को महिला बाल विकास सचिव के यहां आवेदन देने का कहा है। अदालत ने सचिव को निर्देश दिया है कि इस आवेदन पर दस सप्ताह में प्रक्रिया पूरी करते हुए सभी को नियमित करें। इसके साथ ही अदालत ने उक्त याचिका को निष्पादित कर दिया।