Ranchi: राज्य के पूर्व मंत्री एनोस एक्का को झारखंड हाईकोर्ट से बडी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने एनोस एक्का के पेरोल की अवधि को कम करने के कारा महानिरीक्षक के आदेश को निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने एनोस एक्का की याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश पारित किया है।
दरअसल, एनोस एक्का को सरकार ने 90 दिनों का पेरोल दिया था, लेकिन बाद में कारा महानिरीक्षक ने एक आदेश जारी कर पेरोल की अवधि 60 दिनों की कर दी और उन्हें सरेंडर करने को कहा। कारा महानिरीक्षक के आदेश को एनोस में हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
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याचिका में कहा गया है कि सरकार के आदेश के बाद उनके पेरोल में कटौती करना गलत है। पूर्व में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पेरोल की अविध कम करने पर रोक लगा दी थी। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार का नियम है कि 60 दिनों से अधिक अवधि का पेरोल नहीं दिया जा सकता।
इसीलिए एनोस एक्का के पेरोल की अवधि 90 दिनों से घटा कर 60 दिन की गई है। वहीं, प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार के आदेश के बाद उनके पेरोल में कटौती करना बिल्कुल गलत है।
अदालत को यह भी बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए अगले आदेश तक पेरोल पर जेल बाहर निकले कैदियों को वापस नहीं बुलाया जाए। ऐसे में कारा महानिरीक्षक के आदेश को निरस्त कर देना चाहिए।
इसके बाद अदालत ने प्रार्थी एनोस एक्का के आवेदन को स्वीकार करते हुए पेरोल की अवधि कम करने के कारा महानिरीक्षक के आदेश को निरस्त कर दिया है।