Ahmedabad: गुजरात हाईकोर्ट (Gujrat High Court) ने एक महिला पर दस हजार रुपये का जुर्माना इसलिए लगाया कि वह पारिवारिक विवाद के बाद अपनी बहू को सरकारी नौकरी से निकलवाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
उत्तर गुजरात के अरवल्ली जिले की महिला रसीला खराड़ी ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए मांग की थी कि उसकी बहू ने सरकारी नौकरी लिए गलत जानकारी देकर हासिल की है। महिला ने सरकारी नौकरी के आवेदन में खुद को अविवाहित बताया था, ऐसा याचिकाकर्ता सास का दावा है।
इसे भी पढ़ेंः अदालतों की सुरक्षाः हाईकोर्ट ने सीसीटीवी कैमरे लगाने पर राज्य सरकार और एनएचएआई से मांगा जवाब
उनका यह भी कहना है कि जब उसने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया, तब उसका तलाक का केस अदालत में लंबित था। यह मामला 2016 से अदालत में चल रहा है। गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले पर यह कहते हुए सुनवाई करने से इनकार कर दिया कि पारिवारिक विवाद के समझौते में दबाव बनाने के लिए याचिका दाखिल की गई।
गुजरात हाईकोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत इस मामले को असामान्य करार देते हुए कहा कि एक सास अपनी बहू को सरकारी नौकरी से निकालने की इसलिए मांग कर रही है, क्योंकि उनके बीच विवाद चल रहा है। यह उसने निजी हित के लिए किया है।
अदालत ने ऐसा मानते हुए याचिकाकर्ता के वकील को भी फटकार लगाई कि वह इस तरह के मामले को अदालत में कैसे ला सकते हैं। अदालत ने याचिका को कोर्ट के कर्मचारियों का समय निरर्थक करने तथा याचिका को बेवजह मानते हुए याचिका सास की अर्जी को ठुकराते हुए उस पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।