रांचीः प्रधान मुख्य वन संरक्षक पीके वर्मा की नियुक्ति केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने रद कर दी है। कैट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में इस पद पर नई नियुक्ति करने का निर्देश दिया है।
पीके वर्मा की नियुक्ति को पीसीसीएफ शशि नंदकुलियार ने चुनौती दी थी और उन्हें पद की योग्यता नहीं रखने का आरोप लगाया था। पूर्व में सुनवाई करते हुए कैट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था।
कैट ने फैसला सुनाते हुए पीके वर्मा की नियुक्ति के लिए जारी अधिसूचना रद कर दी। कैट ने अपने आदेश में माना है कि पीके वर्मा इस पद के लिए जो वांछित योग्यता है उसे पूरा नहीं करते। इस कारण उनकी नियुक्ति वैध नहीं मानी जा सकती।
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कैट ने अपने आदेश में कहा है कि पीसीसीएफ की नियुक्ति के दौरान सभी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया और वांछित योग्यता पर गौर नहीं किया गया। इस कारण उनकी नियुक्ति के लिए जारी अधिसूचना रद की जाती है।
सरकार ने 24 जून 2020 को पीके वर्मा को पीसीसीएफ और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रक पर्षद का अध्यक्ष बनाया था। वर्मा को पीसीसीएफ और प्रदूषण नियंत्रक पर्षद का अध्यक्ष बनाये जाने के बाद पूर्व मंत्री सरयू राय ने भी आपत्ति जताई थी।
इस मामले को लेकर जमशेदपुर के मानगो निवासी प्रतीक शर्मा ने झारखंड हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर कीहै। याचिका में कहा गया है कि पीके वर्मा को पीसीसीएफ बनाना सही नहीं है।
वन्य जीव प्रतिपालक के रूप में पीके वर्मा ने दायित्व का पालन नहीं किया है। याचिका में उनपर लगे कई आरोपों का जिक्र भी किया गया है।