जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में पूर्व और मौजूदा सांसदों व विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की सूची मांगी है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और जस्टिस सुजॉय पॉल की खंडपीठ ने अपनी रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि वह दो सप्ताह के अंदर इसका विवरण अदालत में प्रस्तुत करे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान से दर्ज मामले में सुनवाई करते हुए सभी राज्यों को लंबित मामलों की निगरानी करने को कहा है।
सहायक सॉलिसिटर जनरल जेके जैन ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री को दो सप्ताह के भीतर सांसदों व विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की एक सूची प्रदान करने करने का निर्देश दिया है। अदालत ने विशेष रूप से उन लोगों की सूची मांगी है, जिनके मामलों में पहले से ही स्थगन आदेश मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि यह निर्देश 16 सितंबर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान जारी किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से पूर्व और मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों की प्रगति की निगरानी करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने उक्त निर्देश अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है। इसी के तहत मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सांसदों व विधायकों के मामलों की विस्तृत जानकारी मांगी है।