दुष्कर्म का एक अजीबो गरीब मामला अदालत के समक्ष आया। मामले में एक लड़की ने एक युवक पर सालों तक दुष्कर्म करने का गंभीर आरोप लगाया, लेकिन जब मामला अदालत में पहुंचा तो इसकी कुछ और ही कहानी खुलकर सामने आई। आरोपी युवक अपनी मां के साथ पिता से अलग रहता था। इसी से गुस्साए पिता ने एक लड़की के माध्यम से अपने बेटे के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया। अदालत के समक्ष यह तथ्य आने पर युवक को बरी कर दिया गया है।
तीस हजारी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल की अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि एक मोबाइल फोन ने सारे मामले को खोल कर रख दिया। जिस मोबाइल फोन का युवती इस्तेमाल कर रही थी, वह फोन आरोपी युवक के पिता ने उसे दिया था।
अदालत ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात थी। युवती के पास इसका कोई जवाब नहीं था। अदालत ने कहा कि मामले पर गौर करने के बाद यह तथ्य स्पष्ट हुआ है कि युवती ने आरोपी युवक के पिता के कहने पर उसे इस मामले में फंसाया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि यह बेहद चिंताजनक बात है कि महिला अपराध संबंधी कानूनों को लेकर अदालतें जितनी गंभीर हैं, उसका उतना ही दुरुपयोग किया जा रहा है।
कई बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया इस मामले में शिकायतकर्ता युवती का कहना था कि उसकी मुलाकात आरोपी से ट्यूशन क्लास में हुई थी। इसके बाद आरोपी युवक ने उससे शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद उसने कई बार दुष्कर्म किया। इस मामले में प्राथमिकी मई 2023 में दर्ज कराई गई। अदालत द्वारा देरी से मुकदमा दर्ज कराने का कारण पूछे जाने पर युवती इसका जवाब नहीं दे पाई।
आरोपी युवक के अधिवक्ता राहुल संड ने अदालत के समक्ष दलील पेश करते हुए कहा कि आरोपी युवक की मां उसके पिता से अलग रह रही है। आरोपी भी अपनी मां के साथ रहता है। इसी का बदला लेने के लिए पिता ने यह साजिश रची। लड़की ने युवक के साथ जो चैटिंग की वह आरोपी के पिता के द्वारा दिया गया फोन था, लेकिन लड़की यह नहीं बता पाई की यह उपहार आरोपी युवक के पिता ने उसे क्यों दिया था। अदालत ने भी बचाव पक्ष की इस दलील को स्वीकार किया। हालांकि, अदालत ने अपने फैसले में शिकायतकर्ता और आरोपी के पिता पर किसी तरह की कार्यवाही की अनुशंसा नहीं की।