Ranchi: रांची विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों में इंटरमीडिएट छात्रों के नामांकन निरस्त करने का मामला झारखंड हाई कोर्ट पहुंच गया है। पी कालेज, बुंडू के छात्र राधा गोविंद मुंडा सहित अन्य छात्रों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर विश्वविद्यालय के आदेश को निरस्त करते हुए नामांकन लेने की मांग की है। प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता श्रीकृष्ण पांडेय ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने बताया कि रांची विश्वविद्यालय से संबद्ध 13 कालेजों में 3500 छात्रों ने नामांकन के लिए आवेदन दिया था, जिसमें पांच सौ छात्रों का नामांकन कर लिया गया। लेकिन 14 अक्टूबर को रांची विश्वविद्यालय की ओर से एक आदेश जारी कर कहा गया कि झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में सभी कालेजों में इंटरमीडिएट के लिए नामांकन और आवेदन को रद्द किया जाता है।
विश्वविद्यालय के आदेश से साढ़े तीन हजार छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है, जबकि संवैधानिक रूप से उन्हें पढ़ाई करने का अधिकार है। प्रार्थियों की ओर से इसको लेकर विश्वविद्यालय को अभ्यावेदन भी दिया गया था। लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है, इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में विश्वविद्यालय के आदेश को भेदभावपूर्ण, समानता के अधिकारों का हनन और नैसर्गिक न्याय का उल्लंघन बताया गया है। तीन अक्टूबर को हाई कोर्ट की खंडपीठ ने इससे संबंधित मनीष पटवारी की ओर से दाखिल जनहित याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था इस मामले से उनका कोई संबंध नहीं है, वह छात्र नहीं है। खंडपीठ ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि इस मामले से प्रभावित छात्र उचित फोरम में अपनी समस्या को रख सकते हैं। इसके बाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।