झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. बीआर सारंगी व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने रांची में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नियमों की अनदेखी कर तेज ध्वनि में बजाने वाले डीजे पर पूरी तरह रोक लगाई जाए। सरकार को इस तरह के मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मंगलवार को मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई। मामले में अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार से पूछा था कि इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की है। इसको रोकने को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे। अदालत ने कहा था कि मामले में जनता से ही शिकायत करने को क्यों कहा जा रहा है। जब इसको लेकर पूर्व से नियम है और कोर्ट ने भी आदेश दिया है, तो इसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा है।
ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाना सरकार का दायित्व है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने अदालत को बताया था कि अदालत के आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने ध्वनि प्रदूषण होने पर शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 112 जारी किया है। इस नंबर पर ध्वनि प्रदूषण संबंधी समस्या की शिकायत करने से तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में अदालत ने स्वत: संज्ञान लिया है। अदालत को बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी रात 10 बजे के बाद बारात निकाली जाती है। रिहाइशी इलाकों में रात में ही तेज ध्वनि से लाउडस्पीकर बजाया जाता है, इससे लोगों को परेशानी होती है। सरकार को कोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन कराना चाहिए, ताकि इस तरह की गतिविधियों पर रोक लग सके।