झारखंड हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यूनियन बैंक को प्रार्थी को एजुकेशन लोन प्रदान करने का निर्देश दिया है। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने सुभांगी सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। इस संबंध में प्रार्थी सुभांगी सिंह ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा था कि प्रार्थी का नामांकन एमबीबीएस के लिए हुआ है। प्रार्थी ने एजुकेशन लोन के लिए बैंक में आवेदन दिया। लेकिन बैंक ने यह कहते हुए आवेदन रद्द कर दिया कि सह आवेदक जो की प्रार्थी के पिता हैं उनका सिबिल ठीक नहीं है। इस कारण लोन नहीं दिया जा सकता। इसके बाद प्रार्थी के कई रिश्तेदारों ने सह आवदेक बनने का प्रस्ताव दिया, लेकिन बैंक ने इसे स्वीकार नहीं किया।
इसके बाद प्रार्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान सह आवेदक की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता शैलेंद्र ने अदालत को बताया कि आरबीआई और केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुसार एजुकेशन लोन सहजता के साथ दी जानी चाहिए। यह छात्रों की पढ़ाई और पढ़ाई के बाद होने वाले आय से छात्र को ही चुकाना पड़ता है। ऐसे में सह आवेदक के सिबिल को आधार नहीं बनाया जा सकता है। सुनवाई के बाद अदालत ने बैंक के आवेदन खारिज करने के आदेश को रद्द करते हुए प्रार्थी को लोन प्रदान करने का निर्देश दिया।