Advocate Protection Act: वकीलों पर अपराधियों द्वारा किए गए हमले या धमकी दिए जाने की घटना को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने भी गंभीरता से लिया है। इस संबंध में बीसीआई ने झारखंड स्टेट बार काउंसिल से वैसे अधिवक्ताओं की सूची मांगी है जिन पर हमला हुआ है। काउंसिल ऐसे अधिवक्ताओं की सूची जुटा रही है। काउंसिल ने इसे लेकर राज्य के सभी जिला बार एसोसिएशन और स्टेट बार काउंसिल के सभी सदस्यों को पत्र लिखा है। स्टेट बार काउंसिल, बार एसोसिएशन की मदद से शारीरिक रूप से दिव्यांग वकीलों की जानकारी भी इकठ्ठा कर रहा है।
हाल के वर्षों में झारखंड में कई अधिवक्ताओं के साथ हुई हिंसक घटनाएं हुई हैं। पिछले तीन-चार साल में सैकड़ों वकीलों के साथ हिंसक घटनाएं हुई हैं। जिन अधिवक्ताओं के साथ हिंसा की घटना हुई हुई हैं, उसमें अलग-अलग जिलों के सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले से लेकर झारखंड हाईकोर्ट के वकील शामिल हैं। कुछ मामलो में तो अधिवक्ताओं की हत्या भी कर दी गई है। यहां बता दें कि वकीलों पर हो रहे हमले को लेकर फतेह मोहित व्हिग ने सुप्रीम कोर्ट में 2023 में रिट याचिका दाखिल की है। पिछले दिनों याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने राज्य बार काउंसिल को यह निर्देश देने की मांग की थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने इसका विवरण एकत्र करने को कहा। ताकि डेटा संचालित नीतियों को लागू किया जा सके। दिव्यांगों को सुलभ न्याय प्रदान किया जा सके।
राज्य में जल्द लागू हो एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट – संजय विद्रोही
स्टेट बार काउंसिल के सदस्य संजय कुमार विद्रोही ने इस संबंध में कहा कि राज्य में जल्द ही एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू होने के संभावना है। सुप्रीम कोर्ट भी इस पर गंभीर है। इसकी मांग हमलोगों की ओर से वर्षों से की जा रही है। अधिवक्ता को एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट ही सुरक्षा की गारंटी देगा।
जिन अधिवक्ताओं की अब तक की गई हत्या
- रांची में अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह के घर में घुसकर हत्या,
घटना के पीछे की वजह जमीन विवाद बताया गया था। - जमशेदपुर में अधिवक्ता प्रकाश यादव की हत्या।
- तमाड़ में रांची के वकील मनोज झा की हत्या, घटना के वक्त वह जमीन पर बाउंड्री का काम देखने गए थे।
- चतरा के अधिवक्ता जगन्नाथ पंडित की हत्या।
- सिल्ली में वकील बीरेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या
जिन अधिवक्ताओं की धमकी मिली
आपराधिक चरित्र के लोगों के अलावा दूसरे तरह के लोग भी अधिवक्ताओं को धमकी देते रहते हैं. हाल के दिनों में रांची सिविल कोर्ट की अधिवक्ता पूनम कुमारी, चिरंजीवी मंडल, पवन खत्री, सरफराज अहमद, उदय कुमार, विजय प्रकाश और मनमोहन कुमार को धमकी मिली. इनके अलावा स्टेट बार काउंसिल के सदस्य हेमंत शिकरवार पर भी हजारीबाग में हमला हुआ था. साहेबगंज के अधिवक्ता इकबाल हुसैन और देवद्रत कुमार ने तो धमकी की प्राथमिकी भी दर्ज करायी है. इसी तरह बोकारो की महिला वकील ज्योति कुमारी, रंजन मिश्रा, संजय ठाकुर ने भी धमकी के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. प्राथमिकी में तीनों ने अपनी जान का खतरा बताया है. पाकुड़ के अधिवक्ता दीपक ओझा, पलामू की अधिवक्ता सुष्मिता तिवारी और जमशेदपुर के अधिवक्ता गौरव पाठक को भी धमकी मिल चुकी है. इन अधिवक्ताओं ने भी धमकी देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
राज्य में जल्द लागू हो एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट – संजय विद्रोही
स्टेट बार काउंसिल के सदस्य संजय कुमार विद्रोही ने इस संबंध में कहा कि राज्य में जल्द ही एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू होने के संभावना है। सुप्रीम कोर्ट भी इस पर गंभीर है। इसकी मांग हमलोगों की ओर से वर्षों से की जा रही है। अधिवक्ता को एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट ही सुरक्षा की गारंटी देगा।