Patanjali News: सुप्रीम कोर्ट ने योगगुरु रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को इस बाबत हलफनामा दाखिल करने को कहा कि उन 14 उत्पादों के विज्ञापन वापस लिए गए हैं या नहीं। ये वे उत्पाद हैं जिनके विनिर्माण लाइसेंस शुरू में निलंबित किए गए थे और बाद में बहाल कर दिए गए। पीठ ने कंपनी से दो सप्ताह में हलफनामा दायर करने को कहा।
उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने 15 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस निलंबित कर दिए थे। प्राधिकरण ने एक घटनाक्रम में, एक हलफनामा दायर कर कहा है कि एक उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट के बाद लाइसेंस निलंबन आदेश रद्द कर दिया गया है। उसने 17 मई को कहा कि 15 अप्रैल के आदेश पर अमल को रोक दिया गया व बाद में निलंबन आदेश रद्द कर दिया गया।
हालांकि, सुनवाई के दौरान पीठ ने पतंजलि के 16 मई के हलफनामे का संज्ञान लिया, जिसमें कंपनी ने कहा था कि 15 अप्रैल के निलंबन आदेश के मद्देनजर उक्त 14 उत्पादों की बिक्री रोक दी गई है और कंपनी ने अपने सोशल मीडिया खातों/हैंडल से संबंधित विज्ञापन हटाने के लिए भी कदम उठाए हैं। शीर्ष कोर्ट भारतीय चिकित्सा संघ की ओर से दायर उस अर्जी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पतंजलि पर कोविड टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया। मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई की तारीख तय की गई।
50 लाख रुपये जमा कराने का निर्देश
उधर, एक अन्य मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद को अदालत के अंतरिम आदेश के कथित उल्लंघन के लिए 50 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया है। मंगलम ऑर्गेनिक्स लिमिटेड द्वारा दायर ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में उच्च न्यायालय ने अगस्त 2023 में एक अंतरिम आदेश में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को उसके कपूर उत्पाद बेचने से रोक दिया था। न्यायमूर्ति आर.आई. छागला की एकल पीठ ने कहा कि पतंजलि ने जून में दाखिल एक हलफनामे में उक्त कपूर उत्पादों की बिक्री के खिलाफ रोक के पूर्व आदेश का उल्लंघन स्वीकार किया। उच्च न्यायालय 19 जुलाई को मामले की आगे की सुनवाई करेगा।