Ranchi: सिविल कोर्ट रांची की अदालत ने आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े सात साल पुराने मामले में आरोपी आजसू सुप्रीमो सह पूर्व मंत्री सुदेश महतो को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। 21 मार्च शुक्रवार को एमपी/एलएलए के विशेष न्यायाधीश सार्थक शर्मा की अदालत ने मामले में सुदेश महतो को बरी किया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता भरत चंद्र महतो ने बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पांच गवाहों को प्रस्तुत किया गया था। लेकिन घटना को साबित नहीं किया जा सका। जिसका लाभ उन्हें मिला। यह मामला बिना सबूत के आधार पर दर्ज किया गया था।
मामले को लेकर 7 मई 2018 को कोतवाली थाने में सुदेश महतो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। सिल्ली उपचुनाव में नामांकन-पत्र दाखिल करने में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप था। 7 मई 2018 को सुदेश आजसू पार्टी के उम्मीदवार के रूप में सिल्ली उपचुनाव में नामांकन-पत्र दाखिल करने रांची समाहरणालय पहुंचे थे। वे पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय के बाहर पहुंचे थे। जबकि, आदर्श आचार संहिता के तहत ड्रॉप गेट तक ही वे और उनके 5 व्यक्तियों को प्रवेश करने की अनुमति थी।