Ranchi: RIMS झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में रिम्स में रिक्त पदों पर नियुक्ति के मामले में सुनवाई हुई। अदालत रिम्स प्रबंधन को यह बताने को कहा है कि तृतीय और चतुर्थ वर्ग के पदों पर स्थायी नियुक्ति सोनी कुमारी बनाम राज्य सरकार के केस के आदेश से कैसे प्रभावित होगी।
इसके अलावा अदालत ने राज्य सरकार से रिम्स की ओर से उठाए गए उस मुद्दे पर जवाब मांगा है कि आखिर राज्य सरकार ने सोनी कुमारी के मामले में पारित आदेश के बाद तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की नियुक्ति पर रोक लगाई है। इस मामले की सुनवाई 12 नवंबर को होगी।
चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत रिम्स की बदहाली को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज मामले की सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा कि रिम्स में रिक्त पदों की क्या स्थिति है। इस पर रिम्स की ओर से कहा गया कि कुछ पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है।
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इस पर अदालत पूछा कि तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के पदों पर ऑउट सोर्स के जरिए क्यों नियुक्ति की गई है। क्या सृजित पदों पर नियुक्ति नहीं की जानी है। इस पर रिम्स ने कहा कि सोनी कुमारी के मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन पदों पर नियुक्ति पर विज्ञापन जारी करने पर सरकार ने रोक लगा दी है।
इस पर अदालत ने महाधिवक्ता से पूछा कि क्या सरकार ने उक्त नियुक्ति पर रोक लगाने का कोई आदेश पारित किया है। इस पर उन्होंने कहा कि रिम्स एक स्वायतशाषी संस्था है। इस पर अदालत ने नियुक्ति पर रोक लगाने के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
रिम्स की ओर से कहा गया कि कोर्ट के आदेश पर रिम्स परिसर सीटी स्कैन मशीन लगा दी गई है और यह काम भी कर रहा है। दूसरे सीटी स्कैन मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। इस पर कोर्ट ने कहा कि अदालत के आदेश के बाद भी रिम्स को एक सीटी स्कैन मशीन लगाने में एक साल लग गए। अदालत ने दूसरी मशीन जल्द लगाने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई अगले माह होगी।