Ranchi: झालसा, रांची के निर्देश पर नालसा के द्वारा नवसंचालित – मानसिक बीमारी और बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएं योजना – 2024 के अंतर्गत डालसा, रांची में नवगठित कानूनी सेवा युनिट जिसमें डालसा सचिव सहित सेवानिवृत्त प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं पैनल के अधिवक्ता, एलएडीसीएस के सदस्य एवं पारा लिगल वॉलिन्टियर शामिल है, का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ट्रेनिंग हॉल व्यवहार न्यायालय, रांची में सोमवार, 09.12.2024 को किया गया। सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय ने कहा कि नवगठित मनोःन्याय ईकाई को वैसे लोगों को न्याय और सहायता प्रदान करना हैं, जो मानसिक रूप से बीमार है। माननीय नालसा द्वारा संचालित इस कार्यक्रम का उद्देश्य मानसिक रूप से बीमारी और बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों को निःशुल्क कानूनी सेवा प्रदान करना तथा उन्हें समुचित सहायता पहुचाना है और सभी को सरकार के द्वारा चलाये जा रहे कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना है। इसके साथ ही उन्होंने कानूनी सेवा यूनिट के सभी सदस्यों को प्रशिक्षण प्राप्त कर मानसिक रूप से बीमार और बौद्धिक अक्षमता वाले लोगों को सहायता पहुंचाने के लिए शुभकामनाएं भी दी।
ज्ञात हो कि डालसा सचिव ने स्वागत भाषण देकर अतिथियों का स्वागत किया।
प्रथम सत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश -2, अतिरिक्त कुटुम्ब न्यायालय राजेश कुमार सिंह ने उपस्थित सभी सदस्यों से मुखाबित हुए तथा उन्हें मानसिक बीमारी और बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएं योजना – 2024 सहित बच्चों से संबंधित विभिन्न कानूनी पहलुओं पर अपना मंतव्य रखा तथा प्रावधान के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया, जिससे प्रशिक्षु लाभान्वित हुए। इसके अलावा श्री सिंह ने – नालसा द्वारा संचालित (मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों और बौद्धिक विकलांग व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएँ) योजना, 2024 का संक्षिप्त अवलोकन, संरचना और मुख्य विशेषताओं के बारे में उपस्थित लोगों को बताया।
द्वितीय सत्र में रिनपास से आये अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ मशरूर जहां ने मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों और बौद्धिक अक्षमताओं वाले व्यक्तियों के संदर्भ में कानूनी और नीतिगत ढाँचे, विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन, 2008, विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के बारे में विस्तार से बताया।
तृतीय सत्र में रिनपास से आये अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ सुभाष सोरेन ने मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों और बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों के अधिकार और हक, जिन्हें विधिक सेवा संस्थानों और प्रदाताओं द्वारा विधिक हस्तक्षेप की आवश्यकता इससे संबंधित योजना की धारा 5.2 के बारे में विस्तार से बताया गया।
चतुर्थ सत्र में एलएडीसीएस चीफ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, पैनल अधिवक्ता नित्यानंद सिंह ने मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों और बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों को कानूनी सेवाओं का प्रावधान, मानसिक स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों में कानूनी सेवाएँ, पुलिस स्टेशनों पर कानूनी सेवाएँ, विशेष अदालतों सहित न्यायालयों में कानूनी सेवाएँ, व रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, मेट्रो स्टेशनों आदि पर मिलने वाली कानूनी सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दीं।
दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सिविल कोर्ट रांची के न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय उपस्थित थे साथ में अन्य अतिथियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, रांची के एस.एस. फातमी, अपर न्यायायुक्त-1, योगेश कुमार, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश -2, अतिरिक्त कुटुम्ब न्यायालय, राजेश कुमार सिंह एवं सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, गढ़वा, बालमुकुंद रॉय उपस्थित थे।