Ranchi: न्यायायुक्त दिवाकर पांडे ने सोमवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार एवं बाल संप्रेक्षण गृह, डुमरदगा का निरीक्षण किया। जेल में स्थित सभी वार्डों के साथ जेल के कीचन का भी निरीक्षण किया। वहां के बंदियों के समस्याओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। बंदियों के समस्याओं के शीध्र निराकरण के लिए संबंधित अधिकारी को दिशा निर्देश दिया गया। निरीक्षण के दौरान जेल में एनआईओएस एवं इग्नू के शिक्षा केंद्र का उद्घाटन किया। जेल में केओस्क लगाने के लिए जेल अधीक्षक को भी निर्देश दिये। संबंधित पदाधिकारियों से उन्होंने कहा कि कैदियों को भी सरकार की ओर मिलने वाली सुविधाएं पाने का हक है। हमें उनपर गहण मंथन करने की आवश्यकता हैं। हर हाल में उनको उनकी सुविधाओं से जोड़ा जाएं। बीमार होने पर उनका ईलाज कराया जाय। बीमार होने पर उनका ईलाज कराया जाय। इस संबंध में उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रत्येक माह में जेल अदालत के दिन ही अलग से मेडिकल कैंप की व्यवस्स्था जेल के अंदर की गयी है।
इस संबंध में बुजुर्ग कैदियों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के लिए जेल प्रशासन को निर्देशित किया गया। आगे अपने संबोधन में दिवाकर पांडे के द्वारा कहा गया कि वैसे बंदी जिनकी जमानत हो चुकी है और वह बेल बोंड की शर्त्तों को पूरा नहीं कर पा रहे है, वे शर्त्तों में परिवर्तन के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची को आवेदन दे सकते है। और इस संबंध में उनको निःशुल्क लिगल-एड-डिफेंश काउंसेल मुहैया कराया जायेगा, जो उनके लिए संबंधित कोर्ट में आगे की कार्रवाई करेंगे। जहां उन्हें मुफ्त में कानूनी सहायता एवं सरकारी खर्चे पर वकील उपलब्ध करायी जायेगी। इस अवसर पर सीजेएम चंदन, डालसा सचिव कमलेश बेहरा, एलएडीसी चीफ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,एलएडीसी सहायक सौरभ पांडेय एवं वीरेद्र प्रताप,जेलर व अन्य पदाधिकारी, बाल संप्रेक्षण गृह के पदाधिकारी, पीएलवी व अन्य उपस्थित थे।
न्यायायुक्त ने बाल संप्रेक्षण गृह डुमरदगा का भी निरीक्षण किया एवं वहां के बच्चों से मिलकर उनसे बातचीत की विधिक सहायता के संबंध में जानकारी दी एवं बच्चों को जमानत में छुटने के बाद किसी भी आपराधिक कार्यों में संलिप्त न होने की बात कही एवं उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपना उज्जवल भविष्य बनाने की बातें कहीं। साथ ही वहां पर कार्यरत पीएलवी को निर्देश दिया कि सभी वहां रह रहे बच्चों के केस का स्टेटस जानकारी अविलम्ब बच्चों से एवं उनके घरवालों से साझा करें और उन्हें डालसा, रांची से मिल रही निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में जानकारी दें। न्यायायुक्त ने बाल संप्रेक्षण गृह में स्थित मेडिकल क्लिनिक का भी निरीक्षण किया। इसके बाद बाल कैदियों के लिए बनाये गये कम्पयूटर कक्ष का निरीक्षण भी किया एवं जल्द-से-जल्द कम्प्यूटर क्लास कराने के लिए संबंधित कर्मियों को कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान कराने का दिशा-निर्देश भी दिये। विद्वान अधिवक्ताओं को बैठने के लिए शेड बनाने की प्रक्रिया को जल्द-से-जल्द पूरा करने के लिए वहां उपस्थित डीसीपीओ के माध्यम से प्रशासन को निर्देश दिया तथा वीसी रूम का भी निरीक्षण किया।