Ranchi: बहुचर्चित बिटुमिन घोटाले से जुड़े 28 साल पुराने मामले में एकीकृत बिहार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन समेत पांच अभियुक्तों को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने शनिवार को दोषी करार कर तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई है। साथ पांच अभियुक्तों पर 32-32 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि नहीं देने पर अभियुक्तों को अतिरिक्त जेल काटनी होगी। अदालत ने 27.70 लाख रुपए के घोटाले में इलियास हुसैन के साथ शहाबुद्दीन बेग, पवन कुमार अग्रवाल, अशोक कुमार अग्रवाल एवं विनय कुमार सिन्हा को सजा सुनाई है। वहीं मामले में ट्रायल फेस कर सात आरोपियों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में 28 साल बाद मुकदमे से बरी किया गया। सीबीआई की ओर से लोक अभियोजक खुशबू जायसवाल ने गवाही दर्ज कराई थी।
अदालत ने केदार पासवान, गणपति रामनाथ, शीतल प्रसाद माथुर, तरुण कुमार गांगुली, रंजन प्रधान, शोभा सिन्हा और महेश चंद्र अग्रवाल को बरी किया। अदालत ने बीते 22 मार्च को दोनों पक्षों की अंतिम बहस पूरी होने के बाद फैसले की तारीख निर्धारित की थी। साल 1994 के घोटाले का पर्दाफाश 1997 में हुआ। इसके बाद सीबीआई ने मंत्री समेत दो दर्जन अधिकारियों और आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर तफ्तीश प्रारंभ की थी। मामला हजारीबाग का रोड निर्माण से जुड़ा हुआ था।