Ranchi: भारतीय सेना में कार्यरत शोशन गोप को शादी का झांसा देकर 5 साल तक सहपाठी का यौन शोषण करने के आरोप से सिविल कोर्ट रांची की अदालत ने बरी कर दिया है। यह फैसला अपर न्यायायुक्त की अदालत ने सुनाया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ऐसा कोई ठोस सबूत पेश करने में असमर्थ रहा जिससे यह साबित हो सके कि आरोपी ने शुरू से ही पीड़िता से शादी करने का कोई इरादा नहीं रखा था। मामला बेड़ो थाना क्षेत्र का है। पीड़िता ने 7 जून 2019 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया था कि 2013 से अप्रैल 2019 तक आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।
अदालत में सुनवाई के दौरान पीड़िता आरोपी पर बलात्कार का आरोप सिद्ध नहीं कर सकी। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि घटना के समय पीड़िता वयस्क थी और उसे इस संबंध की नैतिकता और परिणामों की समझ थी। दोनों के बीच लंबे समय से प्रेम संबंध थे और पीड़िता के परिवार को भी इसकी जानकारी थी। अदालत का कहना था कि यदि यौन संबंध आपसी सहमति से बने हैं और शादी का वादा धोखा साबित नहीं होता, तो यह बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता। इस आधार पर अदालत ने आरोपी शोशन गोप को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। इस फैसले को लेकर कानूनी हलकों में यह भी चर्चा है कि ऐसे मामलों में सबूतों की स्पष्टता और आरोपों की गंभीरता की निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है।