रांची। प्रधान न्यायायुक्त दिवाकर पांडे की अदालत ने चेक बाउंस में सजायाफ्ता मांडर के सरगांव निवासी शमशेर आलम की सजा को बरकरार रखा है। अदालत ने उसकी ओर से दाखिल क्रिमिनल अपील सुनवाई पश्चात खारिज कर दी है। अदालत ने अपीलकर्ता के विरूद्ध दोषसिद्धि के निर्णय और सजा के आदेश की पुष्टि कर दी है। इससे उसकी मुश्किलें बढ़ गई है।
न्यायिक दंडाधिकारी राकेश रंजन की अदालत ने 6 अप्रैल 2024 को चेक बाउंस के आरोप में दोषी पाकर शमशेर आलम को एक साल की सजा और 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। उसने चोलमंडलम इंवेस्टमेंट एंड फाइनांस कंपनी लिमिटेड से 19.35 लाख रुपए का लोन लिया था। इसके एवज में जो चेक दिया था, वह 9 नवंबर 2020 को बाउंस कर गया था।
इस पर चोलमंडलम कंपनी ने साल 2021 में कोर्ट केस किया था। सजायाफ्ता को मिली सजा की चुनौती न्यायायुक्त की अदालत में देते हुए क्रिमिनल अपील दाखिल की थी। जिसे अदालत ने खारिज कर दी।