Ranchi: Police Constable Appointment झारखंड हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए राज्य के गृह सचिव को अवमानना का नोटिस जारी किया है। अदालत ने उनसे पूछा है कि कोर्ट का आदेश नहीं मानने पर क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाए। यह मामला पुलिस नियुक्ति नियमावली से जुड़ा है।
चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब अदालत ने इस मामले में करीब चार साल पहले कहा था कि कोर्ट के आदेश से नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित होगी, तो नियुक्ति प्रदान करते समय सरकार ने इसकी शर्त क्यों नहीं लगाई थी। 18 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी।
अगर इस मामले में कोई विपरीत आदेश होता है, तो करीब सात हजार नियुक्तियां प्रभावित होंगी। अदालत ने राज्य सरकार को इस मामले की सुनवाई कोर्ट में लंबित होने की सूचना अखबारों में प्रकाशित करने और सभी अभ्यर्थियों को व्यक्तिगत रूप से इसकी सूचना देने का आदेश दिया है। जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने पक्ष रखा।
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दरअसल, वर्ष 2014 में सरकार ने पुलिस कांस्टेबल नियुक्ति के लिए नई नियमावली बनाई और इसी के तहत वर्ष 2015 में सिपाही बहाली के लिए विज्ञापन जारी गया था। इसके बाद सुनील टुडू सहित पचास अभ्यर्थियों ने नियमावली को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
याचिका में कहा गया है कि पुलिस कास्टेबल के लिए बनाई गई नई नियुक्ति नियमावली गलत है। यह पूरी तरह के पुलिस मैनुअल के प्रावधानों के विपरीत है। इसलिए नियुक्ति नियमावाली को निरस्त किया जाए। इस पर सुनवाई करते अदालत ने वर्ष 2017 में कहा था कि नियुक्ति कोर्ट के आदेश के प्रभावित होगा।
लेकिन राज्य सरकार ने जेएसएससी की अनुशंसा पर सभी जिलों में करीब सात हजार कास्टेबल की नियुक्ति कर दी, लेकिन नियुक्त पत्र में कोर्ट के आदेश का जिक्र नहीं किया कि यह नियुक्ति कोर्ट के आदेश से प्रभावित होगी। इसी पर अदालत ने नाराजगी जताई है।