रांची। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में अपर बाजार के भवनों में के पार्किंग एरिया में व्यवसायिक गतिविधि और अवैध निर्माण मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने रांची नगर निगम से जवाब मांगा है। अदालत ने पूछा है कि निगम क्षेत्र में नए निर्माण की कब-कब जांच की जाती है। इसके बारे में विस्तृत जानकारी नगर निगम को छह नवंबर को अदालत में दाखिल करनी है।
अदालत ने उक्त आदेश अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई करते हुए निगम को दिया है। अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा की ओर से इस मामले में एक हस्तेक्षप याचिका दाखिल कर कहा गया है कि रांची नगर निगम एक्ट में किसी भी नए निर्माण को हर पखवारे में जांच करने का प्रावधान है। इसके तहत नक्शा के अनुसार निर्माण होने, अवैध निर्माण और अतिक्रमण की जांच की जाती है। लेकिन नगर निगम की ओर से इसका पालन नहीं किया जा रहा है। इसके चलते रांची रिंग रोड के आसपास धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहा है।
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बाद में यही मामला कोर्ट में आता है। इस पर अदालत ने उनकी मांग को जायज बताते हुए नगर निगम से नए निर्माण की होने वाली जांच के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। अदालत ने सेंटर फॉर आरटीआइ के पंकज यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए भी निगम को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अदालत को बताया कि अपर बाजार इलाके में नियमों की अनदेखी कर अवैध निर्माण किया गया है। बिना नक्शा पास किए ही की भवन बने हैं।
कई व्यावसायिक कांप्लेक्स पार्किंग एरिया में चल रहे हैं। कई दुकानों में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है जिससे सड़क पर ही वाहन खड़े होते हैं और जाम की स्थिति रहती है। इस पर निगम की ओर से बताया कि अपर बाजार के 347 लोगों को नोटिस दिया गया है। इसमें सिर्फ दो लोग उपस्थित होकर अपना नक्शा दिया है। जिन लोगों ने नोटिस का पालन नहीं किया है उनके खिलाफ अवैध निर्माण का केस किया जाएगा।