Ranchi: Mutation receipt झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने जमीन से जुड़े मामले में दाखिल अवमानना मामले में कांके के अंचलाधिकारी दिवाकर सी द्विवेदी को पद के लिए योग्य नहीं बताते हुए उनके काम करने पर रोक लगा दी। साथ ही अदालत ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए तबादला करने का निर्देश भूमि सुधार एवं राजस्व सचिव को दिया है।
अदालत ने पूर्व में सुनवाई के दौरान अंचलाधिकारी को 12 एकड़ जमीन की म्यूटेशन रेंट रसीद की जांच कर और आवेदन के आधार पर आदेश पारित करने का निर्देश दिया था। लेकिन अंचलाधिकारी ने आवेदन पर बिना सुनवाई किए ही प्रार्थी का आवेदन रद कर दिया। इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि वे इस पद पर काम करने योग्य नहीं है।
प्रार्थी के अधिवक्ता जीतेंद्र पसारी ने बताया कि कांके प्रखंड के सुगनू मौजा में 12 एकड़ जमीन की म्यूटेशन रेंट रसीद 1996 तक श्रेय कुमार के पिता के नाम से कट रही थी। लेकिन 1996 में पिता की मृत्यु के बाद 1997 से रसीद कटनी बंद हो गई। उस समय श्रेय कुमार नाबालिग थे। बाद में दो जुलाई 2020 को प्रार्थी श्रेय कुमार ने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर म्यूटेशन रेंट रसीद बहाल करने का आग्रह किया।
जिसके बाद कोर्ट ने एक अक्टूबर 2020 को प्रार्थी को कांके सीओ के सक्षम दोबारा आवेदन देने को कहा। साथ ही कांके सीओ को इस मामले में सुनवाई कर उचित आदेश पास करने का निर्देश दिया। लेकिन उनकी ओर से प्रार्थी का बिना पक्ष सुने ही आदेश पारित कर दिया गया। इसके खिलाफ कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई थी।
कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए याचिकाकर्ता ने छह अक्टूबर 2020 को सीओ के सामने अभ्यावेदन दिया। लेकिन अंचलाधिकारी ने इस अभ्यावेदन पर सुनवाई नहीं की और छह हफ्ते बाद इसे खारिज कर दिया। जिसके बाद हाईकोर्ट ने कांके सीओ को तीन सितंबर 2021 को अवमानना का नोटिस जारी किया।
इस पर सीओ ने 18 अक्टूबर को शो काज का जवाब दिया, लेकिन कोर्ट अंचलाधिकारी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और शुक्रवार को कांके अंचलाधिकारी दिवाकर सी द्विवेदी का तबादला करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।