Ranchi: Murder Case हत्या के एक मामले में नाबालिग को करीब आठ साल से जेल में रखने का मामला झारखंड हाईकोर्ट पहुंचा है। इस मामले में अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर नाबालिग को जल्द से जल्द जेल से बाहर निकालने का आदेश देने का कोर्ट से आग्रह किया है।
याचिका में कहा गया है कि पुलिस की गलती की वजह से एक नाबालिग सात साल तक जेल में रहा और अभी वह रिमांड होम में बंद है। जूवेनाइल जस्टिस एक्ट के अनुसार नाबालिग को अधिकतम तीन साल की सजा दी जा सकती है।
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लेकिन वह करीब आठ साल से जेल में बंद है। इस मामले में अभी ट्रायल भी नहीं शुरू हुआ है। ऐसे में उसे तीन साल से अधिक जेल में रखना अवैध है। पुलिस की गलती की वजह से उक्त नाबालिग का बचपन और पढ़ाई बाधित हो गए हैं। पढ़ाई नहीं होने की वजह से उसे अब नौकरी नहीं मिलेगी।
ऐसे में राज्य सरकार की ओर से उसके जीवनयापन करने के लिए उचित मुआवजा दिया जाने का कोर्ट से आग्रह किया गया है। अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने बताया कि नाबालिग बोकारो का रहने वाला है। उसके माता-पिता की मौत हो गई है। जिसके बाद वह रांची अपने चाचा के यहां रहने आया था। वर्ष 2013 में एक व्यक्ति की हत्या में शामिल होने का आरोप है। पुलिस ने इसे बालिग बताकर जेल भेज दिया था।