Ranchi: झालसा के दिशा-निर्देश पर पूरे राज्य के साथ हाईकोर्ट में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन हाईकोर्ट के न्यायाधीश सह झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा लोक अदालत लोगों को त्वरित न्याय दिलाने का एक प्रभावी माध्यम है। लोक अदालत में विवाद-पूर्व मामले एवं अदालतों में लंबित मामलों का निपटारा किया जाता है। जिससे पैसों एवं समय दोनों की बचत होती है।
पूरे राज्य भर में एक दिन में सुलझे 14.16 लाख से अधिक मामलेः
राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत झारखंड राज्य में शनिवार को 14,16,114 मामलों का सफलतापूर्वक निष्पादन किया गया। मौके पर 13,82,76,78,746 रुपए का सेटलमेंट किया गया। हाईकोर्ट से लेकर अनुमंडल न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत लगायी गयी थी। कोर्ट में लंबित 1,11,405 मामले और कोर्ट में पहुंचने से पहले ही प्री-लिटिगेशन के 13,04,709 मामलों का निष्पादन किया गया। हाईकोर्ट में आयोजित लोक अदालत में कोर्ट में लंबित 26 एवं प्री-लिटिगेशन के 10 मामले कुल 36 मामलों का निष्पादन किया गया।
हाईकोर्ट में 36 मामलों का निष्पादन, 10 को सौंपी गई नियुक्ति पत्रः
झारखंड उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के बैनर तले शनिवार को हाईकोर्ट परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें उच्च न्यायालय में लंबित रिट, पेंशन, मोटर एक्सीडेंट क्लेम, भूमि विवाद तथा सुलहनीय अपराधिक मामलों इत्यादि को रखा गया। हाईकोर्ट के जस्टिस सह उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष रंगन मुखोपाध्याय, न्यायमूर्ति रत्नाकर भेंगरा एवं न्यायमूर्ति दीपक रौशन की अध्यक्षता में कुल तीन बेंचों का गठन किया गया। पेंशन तथा वाहन दुर्घटना मामले से संबंधित इंश्योरेंस कंपनियों के पदाधिकारी, पक्षकारों व उभय पक्षों के अधिवक्ताओं के सकारात्मक प्रयासों के फलस्वरूप तीन करोड़ रुपए से अधिक की राशि का लाभ विभिन्न लाभुकों को प्राप्त हुआ। लोक अदालत में कुल 36 मामलों का निष्पादन किया गया। अनुकंपा के आधार पर सीसीएल के कुल 10 लाभुकों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान की गई।