रांचीः अधिवक्ताओं ने झारखंड हाईकोर्ट के नए परिसर में वकीलों के लिए पर्याप्त स्थान देने की मांग की है। इसको लेकर झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने शपथपत्र के माध्यम से अदालत में अपना जवाब दाखिल किया है।
एसोसिएशन ने अपने जवाब में कहा है कि न तो राज्य सरकार और न ही हाईकोर्ट बिल्डिंग कमेटी ने अधिवक्ताओं की ओर से उठाए गए मुद्दों पर बात की है। इसके लिए किसी ने संपर्क भी नहीं किया है। एसोसिएशन ने कहा है कि झारखंड हाईकोर्ट में पांच हजार से अधिक वकील है।
नए हाईकोर्ट में वकीलों के लिए जो स्थान दिया गया है वह पर्याप्त नहीं है। नए हाईकोर्ट परसिर में वकीलों के लिए सिर्फ 504 चैंबर ही बनाए गए हैं, जबकि चैंबर के लिए 1600 से अधिक आवेदन आए हैं। इसके अतिरिक्त पोस्ट ऑफिस बिल्डिंग, ओपीडी, कम्युनिटी हॉल की व्यवस्था करने का आग्रह भी एसोसिएशन ने किया है।
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लेकिन अभी तक इन बिंदुओं पर भी विचार नहीं किया गया है। एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि हाईकोर्ट भवन का निर्माण आगामी 30 वर्षों को ध्यान में रखकर किया गया है जबकि एडवोकेट के लिए मौजूदा संख्या को ही पर्याप्त स्थान देना संभव नहीं हो पा रहा है।
सरकार ने झारखंड हाईकोर्ट के नए परिसर के लिए 165 एकड़ जमीन दी गई है। लेकिन वकीलों के हित के लिए एक प्रतिशत जमीन का प्रावधान नहीं किया गया है। वहीं, नए हाईकोर्ट भवन को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई सूचीबद्ध है।
पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, भवन निर्माण सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष को अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग से उपस्थित होने का निर्देश दिया है।