ईडी की जांच में आया फर्जीवाड़े में शामिल लोगों का नाम
Land Scam: बरियातू के चेशायर होम रोड स्थित 4.83 एकड़ आवासीय जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार करने में 10 लोगों की भूमिका सामने आई है। इसमें रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता में डीड सर्चर तापस घोष, रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता में स्वीपर/चौकीदार संजीत कुमार एवं हजारीबाग के कोर्ट कर्मी इरशाद अख्तर संलिप्त है।
तापस घोष एवं संजीत कुमार दोनों रात्रि में डीड को निकाल कर फर्जीवाड़ा किया था। इसके अलावा फर्जीवाड़े में तीनों को साथ देनेवालों में बड़गाई अंचल के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद, मो. सद्दाम हुसैन, अफसर अली, बिपिन सिंह, मकबूल(अब मृत), मकबूल की मृत्यु के बाद उसका सहयोगी अलाउद्दीन, समरेंद्र चंद्र घोषाल एवं अन्य शामिल है।
जमीन हड़पने वाले सिंडिकेट ने बड़गाई अंचल के 8.86 एकड़ जमीन के अलावा चेशायर होम रोड स्थित जमीन का फर्जी दस्तावेज बनाया। इसमें से सात लोग न्यायिक हिरासत में है।
बैकडेट से हुआ फर्जी म्यूटेशन
आरोपियों ने लगभग 23 करोड़ रुपये कीमत की 4.83 एकड़ जमीन को सबसे पहले बेसिक रजिस्टर-2 में फर्जी प्रविष्टि की। इसके बाद समरेंद्र चंद्र घोषाल के नाम पर फर्जी म्यूटेशन सुधार पर्ची को बैकडेट में इंट्री की थी। हालांकि उस जमीन का बाजार मूल्य 55 करोड़ रुपए से अधिक होगा। पीएमएलए कोर्ट ने तापस घोष की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान उक्त बातें सामने आई है।
ईडी की ओर से मामले में जवाब दाखिल किया गया था। अदालत ने पाया कि आरोपियों ने जालसाजी और सरकारी रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ की गई है। सभी जानबूझकर अपराध की आय से जुड़ी प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल है। ईडी की जांच में सामने आया कि तापस घोष के बैंक खाते में 21.43 लाख, संजीत कुमार के बैंक खाते में 80 हजार एवं इरशाद के एक्सिस बैंक खाते में 8.74 लाख रुपए का भुगतान किया गया था।