बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य के हासन जिले में सड़क के किनारे कई बंदरों के मृत पाए जाने की मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में जनहित याचिका की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया। हासन में बुधवार को सड़क किनारे बोरों में बंद कई बंदर पाए गए थे। इन्हें जहर दिया गया था। इनकी जमकर पिटाई भी की गई थी।
स्थानीय लोगों ने इन्हें बोरों से बाहर निकाला तो तकरीबन साठ बंदर मृत मिले। शेष स्वस्थ होने पर जंगल की ओर चल गये। इस बारे में खबरें छपने पर कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका, जस्टिस एनएस संजय गौड़ा की पीठ ने इस खबर को परेशान करने वाला बताते हुए इस मामले में रजिस्ट्रार जनरल को स्वत: जनहित याचिका दर्ज करने का आदेश दिया।
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इस मामले में जिला प्रशासन के साथ-साथ वन विभाग और पशु कल्याण बोर्ड को भी प्रतिवादी बनाया जा रहा है। पिछले दिनों कर्नाटक के हासन जिले में यह अमानवीय वारदात हुई। शरारती तत्वों ने भोर में 30 बंदरों की हत्या कर दी। इस दौरान 20 घायल अवस्था में पाए गए, जिनमें 18 पानी पीने के बाद ठीक हो गए और जंगल में चले गए। घटना का वीडियो वायरल हो गया था। घटना बेलुर तालुका के चोवदानहल्ली गांव की थी।
शरारती तत्वों ने बोरों (बारदाना) में भरकर बंदरों को गांव के बाहरी इलाके में फेंक दिया था। स्थानीय युवाओं ने सुबह बोरों को खोला तो स्तब्ध रह गए। ऐसा लग रहा था कि बोरों में बंद करने के बाद बंदरों को पीटा गया है। कुछ बंदर हांफ रहे थे। स्थानीय लोगों ने उन्हें पानी पिलाया और खाना खिलाया। इसके बाद 18 बंदर जंगल की ओर चले गए। दो का पशु चिकित्सक उपचार कर रहे हैं।