JSSC News: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए उम्र में छूट की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने वैसे अभ्यर्थियों को नए विज्ञापन के तहत आवेदन देने की छूट दी है जिन्होंने वर्ष 2019 में निकले विज्ञापन में आवेदन दिया था।
यानी पूर्व में विज्ञापन के तहत अधिकतम उम्र सीमा निर्धारण की तिथि एक अगस्त 2010 के तहत जिन्होंने आवेदन दिया था, वह वर्तमान में निकले विज्ञापन में भी आवेदन दे सकते हैं। अदालत ने इस मामले में जेपीएससी और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई के लिए 14 मार्च की तिथि निर्धारित की गई है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि जेपीएससी इन अभ्यर्थियों के लिए आवेदन देने की तिथि 18 फरवरी तक बढ़ाएगी।
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अदालत ने कहा कि इसकी सूचना राज्य के चार अखबारों में दी जाए, ताकि सभी अभ्यर्थियों को इसकी जानकारी मिल सके। सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा कि खंडपीठ के समक्ष भाषा एवं योग्यता को लेकर मामले में यह मामला भी संबंधित तो नहीं है? वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने कहा कि खंडपीठ के मामले से इसका सीधा सरोकार नहीं है।
यह मामला उम्र के कट ऑफ डेट के निर्धारण का है। अदालत इस मामले में सुनवाई कर सकती है। वर्ष 2016 में विवेक खन्ना के मामले में अदालत ने उम्र के कट ऑफ डेट को एक अगस्त 2015 से घटाकर एक अगस्त 2010 कर दिया था। इसके बाद विज्ञापन रद कर दिया गया। कोर्ट के आदेश पर सरकार ने एक संकल्प भी जारी किया, जिसमें उम्र का कट ऑफ डेट 2010 रखा गया।
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जेएसएससी की ओर से दिसंबर 2021 में जारी विज्ञापन में उम्र का कट ऑफ डेट एक अगस्त 2021 रखा गया।
हाई कोर्ट के आदेश को इस तरह बदलने का अधिकार किसी संस्था को नहीं है। महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि सरकार इस विषय पर विचार कर रही है और उचित निर्णय लेगी। इस संबंध में मनोज कुमार, उत्तम कुमार और विवेक खन्ना ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस मामले में अन्य प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता विजय कुमार दुबे और सौरभ शेखर ने अदालत में पक्ष रखा।