Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए राज्य की झालसा को सभी जेलों में चिकित्सा शिविर लगाकर कैदियों की जांच करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकार(डालसा) को अपने जिले की जेलों में अभियान चलाकर चिकित्सकीय शिविर लगाने को कहा है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जेल में बंद वृद्ध कैदियों की शुगर, बीपी, ब्लड और आंख की जांच की जाए। कोर्ट ने इनकी निगरानी झालसा सचिव को करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने झालसा से इसकी रिपोर्ट भी मांगी है। मामले में अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी। झालसा की ओर से बताया गया कि कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य के सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकार को वृद्ध कैदियों की जांच कराने का निर्देश दिया गया है।
जिन कैदियों का चिकित्सकीय शिविर में इलाज नहीं हो पाता है, उनको सरकारी अस्पतालों में रेफर किया जाएगा। सरकार के साथ मिलकर जिला विधिक प्राधिकार कैदियों का पूरा इलाज कराएगी। झालसा ने बताया कि राज्य की जेल में 164 कैदी 70 साल के हैं। वहीं, गंभीर रूप से बीमार कैदियों की संख्या 11 है। हाई कोर्ट ने अपना आदेश स्वास्थ्य सचिव, झालसा सचिव, डालसा सचिव, जेल आइजी, जेल अधीक्षक, डीसी और सभी सिविल सर्जन को भेजने का निर्देश दिया है।दरअसल, हाई कोर्ट की खंडपीठ के समक्ष लक्ष्मण राम की ओर से अपील दाखिल की गई थी।
जिसमें कहा गया कि उनको मोतियाबिंद हो गया है। इसका आपरेशन करने के लिए अनुमति प्रदान की जाए। कोर्ट ने सुनवाई के बाद प्रार्थी को इलाज कराए जाने का आदेश दिया। इसी मामले में पारित आदेश में कोर्ट ने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में कैदी बंद है। जिनकी चिकित्सकीय जांच होनी जरूरी है। खासकर वृद्ध कैदियों में शुगर, बीपी और मोतियाबिंद जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए जिला विधिक प्राधिकार की ओर से एक अभियान चलाकर कैदियों कीजांच करते हुए इलाज की सुविधा प्रदान की जाए।