सीडब्ल्यूसी- जेजे बोर्ड में नियुक्ति नहीं पर हाईकोर्ट ने सामाजिक कल्याण सचिव को किया तलब
Ranchi: Jharkhand High Court झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में राज्य के बाल कल्याण समिति, ज्यूवेनाइल जस्टिस बोर्ड और बाल संरक्षण आयोग में रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई।
अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इन पदों पर नियुक्ति नहीं होने के लिए राज्य सरकार ही जिम्मेवार है। इसके बाद अदालत ने इस मामले में सलेक्शन कमेटी के सचिव और सामाजिक कल्याण सचिव को आज आनलाइन अदालत में हाजिर होने के आदेश दिया है।
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अदालत ने कहा कि रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं होना गंभीर मामला है। इस मामले में अगली सुनवाई आठ सितंबर को होगी। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि जिन स्थानों पर रिक्त पद खाली है वहां कार्यरत सदस्यों की सेवा विस्तार करने पर विचार किया जा रहा है।
सुनवाई के दौरान ही गढ़वा में बाल मजदूरी से मुक्त कराए गए 46 बच्चों का मामला भी उठाया गया। सरकार की ओर से कहा गया कि इन बच्चों का पुनर्वास किया जा रहा है। जहां पर बाल मजदूरी की शिकायत मिल रही है। वहां छापेमारी कर बच्चों का मुक्त कराया जा रहा है।
इस पर अदालत ने कहा कि जब जनवरी माह में इसकी शिकायत मिली थी, तो जिला प्रशासन को बाल मजदूरी के शिकार बच्चों को मुक्त कराने में इतनी देरी क्यों हुई। इस पर अदालत ने गढ़वा उपायुक्त से जवाब मांगा है। इसको लेकर बचपन बचाओ आंदोलन ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में बाल संरक्षण आयोग, बाल कल्याण समिति और जेजे बोर्ड में रिक्त पदों को जल्द भरने का आग्रह किया गया है।