Ranchi: हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य के जेलों में चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। जिन जेलों में चिकित्सक नहीं थे वहां भी प्रतिनियुक्ति कर दी गई है।
राज्य सरकार की ओर से झारखंड हाई कोर्ट को यह जानकारी दी गी। इसके बाद चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा ल जस्टिस आनंद सेन ने जेल से जुड़ी एक अन्य याचिका के साथ इसे टैग करते हुए सुनवाई 28 अगस्त को निर्धारित की।
हाई कोर्ट में जेल में चिकित्सक होने को लेकर याचिका
इस संबंध में पीयूएसीएल ने जनहित याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि जेल की स्वास्थ्य व्यवस्था लचर है।
कई जेलों में एक भी डॉक्टर पदस्थापित नहीं है। जेल की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे हैं। जेलों में विशेषज्ञ चिकित्सकों के पदस्थापन का भी प्रावधान है।
लेकिन किसी भी जेल में विशेषज्ञ चिकित्सक को पदस्थापित नहीं किया गया है। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
पूर्व विधायक ने याचिका वापस ली
रामगढ़ के पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका वापस ले ली है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और छावनी परिषद की ओर से बताया गया कि प्रार्थी ने याचिका दायर करते समय अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और अन्य आरोपों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। इसलिए याचिका खारिज कर देनी चाहिए।
प्रार्थी की ओर से अपना क्रेडेंशियल नहीं दिए जाने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जतायी, इसके बाद प्रार्थी ने याचिका वापस ले ली। याचिका में कहा गया था कि रामगढ़ छावनी परिषद में जमीन का अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किया गया है। अदालत ने अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाने का आग्रह किया गया था।