Illegal construction: करमटोली में घर तोड़ने के सीओ के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, मांगा जवाब

Ranchi: Illegal construction झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में रांची के करमटोली में घर तोड़ने के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने सीओ के आदेश पर रोक लगा दिया है। अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई आठ मार्च को होगी।

रांची सदर सीओ ने करमटोली की एक जमीन को गैरमजरुआ आम बताते हुए उस पर बने घर को तोड़ने का आदेश दिया है। इसमें कहा गया था कि उक्त जमीन पर अवैध निर्माण किया गया है। इसलिए 15 दिनों खाली कर दिया जाए। इसके खिलाफ रमेश गोप की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता प्रेम पुजारी राय ने अदालत को बताया कि उक्त जमीन पर प्रार्थी के पूर्वज 200 सालों से रह रहे हैं। रांची नगर निगम की ओर से अप्रैल 2016 को जारी सत्यापित खतियान में प्रार्थी के परदादा का नाम दखलकार के रूप दर्ज है।

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इसके अलावा सीओ की ओर से बिना उनका पक्ष सुने ही आदेश पारित कर दिया है, जो कि उचित नहीं है। इसके बाद अदालत ने सीओ के घर ध्वस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी है। बता दें कि सीओ ने पांच जनवरी 2022 को उक्त जमीन पर बने घर तोड़ने का नोटिस जारी किया है। जिसमें 15 जनवरी तक उक्त जमीन खाली करने का निर्देश दिया गया है।

चारा घोटाले के आरोपी पूर्व आईएएस बेक जूलियस की बहस जारी
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में पूर्व पशुपालन सचिव बेक जूलियस की ओर से बहस जारी रही। शनिवार को भी बहस जारी रहेगी। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में उनके अधिवक्ता ऑनलाइन बहस करते हुए कहा कि वे चारा घोटाले मामले में निर्दोष हैं।

इनकी बहस पूरी होने के बाद और दो आरोपियों की ओर से बहस की जानी है। बता दें कि डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद, आरके राणा, जगदीश शर्मा समेत 99 आरोपितों की ओर से बहस पूरी कर ली गई है।

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