रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों की संपत्ति की जांच के लिए दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार और एसीबी से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। पंकज कुमार यादव की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस पीके श्रीवास्तव की अदालत ने एसीबी को यह बताने को कहा है कि उसकी जांच अभी कहां तक पहुंची है और जांच में क्या क्या मिले हैं। 4 सप्ताह में शपथपत्र दाखिल कर अदालत ने इसकी जानकारी मांगी है। वर्ष 2020 में दायर इस जनहित याचिका में राज्य के पूर्व मंत्री अमर कुमारी बाउरी, नीरा यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा, लुइस मरांडी और रणधीर सिंह को आरोपी बनाते हुए सभी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए सभी की संपत्ति की जांच कराने का अदालत से आग्रह किया गया है।
प्रार्थी ने पूर्व मंत्रियों रणधीर सिंह, अमर कुमार बाउरी, नीलकंठ सिंह मुंडा, नीरा यादव व लुईस मरांडी की वर्ष 2014 के मुकाबले वर्ष 2019 में 200 से 1100 प्रतिशत संपत्ति बढ़ने का आरोप लगाया है। आरोप है कि वर्ष 2014 के चुनाव के दौरान भरे गये शपथ पत्र और वर्ष 2019 में भरे गये शपथ पत्र की जांच करने में इनकी संपत्ति में 200 से 1100 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी हुई है, जो केवल वेतन से नहीं हो सकती। प्रार्थी ने इस मामले में सीबीआइ से जांच कराने का आग्रह किया था। अब राज्य सरकार ने एसीबी से जांच कराने का आदेश दे दिया है। इस बीच वर्ष 2022 में राज्य सरकार ने इस जनहित याचिका के आधार पर इन पूर्व मंत्रियों की संपत्ति की एसीबी जांच का आदेश दिया है। सरकार से जांच का आदेश मिलने के बाद एसीबी ने इस मामले में पीई दर्ज कर पूर्व मंत्रियों और शिकायतकर्ता को नोटिस भी भेजा था।