Ranchi: Firing range नामकुम के महादेवटीली की रहने वाली मृतका बेली टोप्पो को दो दशक बाद झारखंड हाईकोर्ट से न्याय मिला। जस्टिस केपी देव की अदालत ने उपायुक्त रांची को आदेश दिया कि मृतका के बेटे क्लेमेंट टोप्पो को 60 दिनों के अंदर मुआवजा की राशि तीन लाख रुपये ब्याज के साथ भुगतान करें।
झारखंड हाईकोर्ट में मुआवजा राशि की मांग को लेकर दाखिल रिट याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत मामले में अंतिम सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता पुत्र को मृत्यु की तारीख से भुगतान तारीख तक 7.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से भुगतान करे।
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अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ब्याज राशि की वसूली इसके दोषी अधिकारियों के वेतन से की जाए। जिसकी गलती के कारण मुआवजा का भुगतान करने में दो दशक का विलंब हुआ। याचिकाकर्ता के पैरवीकार अधिवक्ता योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि याचिकाकर्ता की मां की मौत नामकुम स्थित होरा हाफ फिल्ड फाइरिंग रेंज में अभ्यास के दौरारन 8 मार्च 1999 को हो गयी थी।
मुआवजा में देरी के कारण हाईकोर्ट में 10 लाख रुपये की मुआवजा की मांग करते हुए 2012 में रिट याचिका दाखिल की गयी थी। जिस पर अदालत ने अपना अंतिम फैसला सुनाया। अधिवक्ता योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि नामकुम निवासी बेली टोप्पो की मौत उसके बेटे ने केन्द्र सरकार के प्रावधान के तहत मुआवजा की मांग की। मुआवजा मांग को लेकर उपायुक्त रांची, स्थानीय एमएलए, राष्ट्रीय मानवाधिकारी आयोग से लेकर राष्ट्रपति तक गया। बावजूद मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हुआ।