Alamgir Alam on Remond: राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को ईडी शुक्रवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से अपने साथ ले गई। ईडी कोर्ट से छह दिनों की पूछताछ की अनुमति मिली है। अब ईडी आलमगीर आलम को उनके पीएस संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम को आमने-सामने बैठाकर पैसों के बारे में पूछताछ होगी।
गुरुवार को भेज दिया जेल
टेंडर के कमीशन से प्राप्त राशि का मनी लाउंड्रिंग करने के आरोप में गिरफ्तार मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) को गुरुवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया गया। ईडी ने आलमगीर आलम को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया। पेशी के दौरान पीएमएलए कोर्ट ने आरोपी से नाम और पता पूछा। साथ ही स्वास्थ्य के बारे में पूछा।
इस पर उनके वकील ने कहा कि उन्हें स्लीप एपनिया (Sleep apnea ) नामक बीमारी है। इस रोगी के साथ सीपीएपी मशीन साथ रहना जरूरी है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि सीपीएपी मशीन है आपके पास। कहा गया है हां मशीन है। नहीं है तो साथ ले जाएं। ईडी की ओर से कहा गया कि पूछताछ के दौरान स्वास्थ्य का पूरी तरह से विशेष ध्यान रखा जाता है। हमेशा सिविल सर्जन के द्वारा तैनात चिकित्सक मौजूद रहते हैं। बीपी, ब्लड शुगर आदि की जांच होती रहती है।
टेंडर में कमीशन मामले में हुई गिरफ्तारी
कोर्ट ने पेशी के दौरान उनका नाम और पता भी पूछा। यहां बता दें कि आलमगीर आलम को निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इनकी गिरफ्तारी की तलवार उसी समय से चल रही थी जब ईडी ने वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया था। उसने अपने बयान में कहा था कि ग्रामीण विकास मंत्री टेंडर के 1.5 फीसदी कमीशन दिया जाता है।
ईडी ने 7 मई को जो 32.20 करोड़ रुपए नकदी जहांगीर आलम के आवास से जब्त किया है। उसका संबंध भी आलमगीर आलम से ही है। जहांगीर आलम का काम कमीशन से प्राप्त राशि का एकत्र करने का था। इसमें संजीव कुमार लाल का पूरा सहयोग था। हालांकि आगे छह दिनों की पूछताछ के बाद कई नई जानकारी ईडी को हाथ लगेगी। इसके बाद कितने वरीय पदाधिकारी पर गाज गिरेगी। यह तो आनेवाला समय ही बताएगा।