Ranchi: Defamation case एनसीबी के जोनल निदेशक समीर के पिता ध्यानदेव वानखेड़े की ओर से राकांपा नेता नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में नवाब मलिक से जवाब मांगा है। आज फिर इस मामले में सुनवाई की जाएगी।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस जामदार की वैकेशन बेंच ने की। उन्होंने मलिक को निर्देश देते हुए कहा कि अगर आप ट्विटर पर रिप्लाई कर सकते हैं, तो यहां भी जवाब दें। हालांकि, कोर्ट ने मलिक के आगे किसी बयान पर रोक लगाने का आदेश जारी नहीं किया।
एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव के वानखेड़े ने ओशिवारा के अस्टिट कमिश्नर ऑफ पुलिस यानी सहायक पुलिस आयुक्त के पास महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कथित तौर पर अपने परिवार की जाति के बारे में झूठे आरोप लगाने के लिए शिकायत दर्ज कराई है।
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वानखेड़े की ओर से दाखिल मानहानि केस में कहा गया है कि मलिक ने पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर समीर वानखेड़े के परिवार के सदस्यों के नाम, चरित्र, प्रतिष्ठा और सामाजिक छवि को नुकसान पहुंचाया है। वानखेड़े के पिता ध्यानदेव की मांग है कि मलिक, उनकी पार्टी के नेताओं और अन्य सभी को उनके और उनके परिवार के खिलाफ मीडिया में कुछ भी आपत्तिजनक, मानहानिकारक सामग्री लिखने, बोलने या प्रकाशित करने पर रोक लगाई जाए।
ध्यानदेव ने हाईकोर्ट से अपील करते हुए कहा है कि मलिक के बयान और आरोप चाहे लिखित हो या मौखिक दोनों ने उनकी और उनके परिवार की छवि को नुकसान पहुंचाया है। इस तरह से लगाए गए आरोप प्रकृति में अत्याचारी और मानहानिकारक हैं।
इसके अलावा ध्यानदेव ने हाईकोर्ट से अपील करते हुए कहा कि नवाब मलिक के इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में दिए गए सभी बयान जल्द से जल्द हटाए जाएं। इससे पहले भाजपा नेता मोहित कंबोज ने भी नवाब मलिक के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का केस ठोका था। नवाब मलिक लगातार भाजपा नेता मोहित कंबोज और उनके परिवार पर भी गंभीर आरोप लगा रहे थे।