Ranchi: Conspiracy to topple Hemant Government झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश में शामिल तीनों अभियुक्तों को अदालत से बड़ी राहत मिली है। एसीबी की प्रभारी न्यायाधीश आसिफ इकबाल की अदालत ने तीन अभियुक्तों अभिषेक दुबे, निवारण प्रसाद महतो और अमित सिंह को जमानत की सुविधा प्रदान कर दी है।
इस मामले में रांची पुलिस अभी तक तीनों अभियुक्तों के खिलाफ निचली अदालत में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है। इसके बाद अभियुक्तों ने जमानत याचिका दाखिल अदालत से जमानत देने की गुहार लगाई। सुनवाई के बाद अदालत ने इनको सीआरपीसी की धारा 167(2) का लाभ देते हुए जमानत प्रदान कर दी।
तीनों अभियुक्त 22 जुलाई से जेल में बंद हैं। इस मामले में एसीबी कोर्ट के निर्देश पर ही तीनों के जब्त मोबाइलों की जांच फॉरेंसिक से कराने के लिए कोलकाता भेजा गया है। कांग्रेसी विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह की शिकायत पर पुलिस ने लीलैक होटल में छापेमारी की थी।
जहां से अमित सिंह, निवारण प्रसाद महतो और अभिषेक दुबे को गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से पुलिस ने विधायकों से बातचीत में इस्तेमाल संबंधी मोबाइल, स्थानीय विधायकों के साथ दिल्ली यात्रा की टिकट, दो लाख की नकदी बरामद की है।
पुलिस ने इनके खिलाफ राजद्रोह की धारा के साथ-साथ आइपीसी की धारा 419, 420, 124 ए, 120 बी, पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट, पीसी एक्ट समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
आइ आपको बताते हैं कि सीआरपीसी की धारा 167 (2) क्या है। जब किसी मामले में जांच एजेंसी 90 दिनों में आरोपितों के खिलाफ निचली अदातल में आरोप पत्र दाखिल नहीं करती है, तो आरोपित जमानत पाने का हकदार होता है। इस मामले में पुलिस ने 90 दिन तक आरोप पत्र दाखिल नहीं किया।
इसके बाद अभियुक्तों की ओर से अदालत में जमानत याचिका दाखिल कर जमानत की गुहार लगाई गई थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने इस मामले में सभी को सीआरपीसी की धारा 167(2) का लाभ देते हुए जमानत प्रदान कर दी।
बता दें कि हाल में ही झामुमो के विधायक रामदास सोरेन ने भी हेमंत सोरेन सरकार को स्थिर करने की साजिश का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि हेमंत सरकार को गिराने के एवज में विधायकों की खरीद फरोख्त करने की कोशिश की गई है।