झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में राज्य के जनसेवकों को ग्रेड पे घटाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसके तहत उनके ग्रेड पे 2400 को घटाकर 2000 कर दिया गया था। अदालत ने जब विज्ञापन और नियमों के आधार पर याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति और ग्रेड 2400 पर सेवा में स्थायीकरण किया गया तो ऐसे में अब उनके ग्रेड पे को नहीं घटाया जा सकता है। इस संबंध में अनूप कुमार सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
याचिका में कहा गया है कि सरकार ने वर्ष 2012 में जनसेवकों की नियुक्ति की थी। नियुक्ति पत्र में 2400 रुपये का ग्रेड पे दिया गया था। वर्ष 2023 में 10 वर्ष की सेवा के बाद विभाग ने ग्रेड पे घटाकर 2000 कर दिया। प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता सौरभ शेखर ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को 2400 के ग्रेड पे पर नियुक्त किया गया था। उनकी सेवाएं 2400 में ही संपुष्ट की गईं। विज्ञापन और नियुक्ति नियमों में 2400 रुपये का ग्रेड पे निर्धारित किया गया था। ऐसे में अब इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता। सरकार की ओर से कहा गया कि जनसेवकों को ग्रेड पे 2400 रुपये दिए जाने में गलती हुई है। यह फिटमेंट कमेटी की अनुशंसा और वेतन संशोधन अनुशंसा के खिलाफ है। इसलिए इसे घटाकर 2000 किया जाना चाहिए। अदालत ने सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया।