महज एक लीटर देसी शराब बरामद होने पर कार को शराबबंदी कानून के तहत नीलाम किये जाने पर कहा कि यह कठोर सजा है। कोर्ट ने गाड़ी से देसी शराब बरामद होने के जुर्म में 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और कहा कि नीलामी राशि में से जुर्माना को घटा कर बाकी बचे पूरे पैसे गाड़ी मालिक को वापस करें। पटना हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति पीबी बजंथरि और न्यायमूर्ति आलोक पांडेय की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश निवासी अनिता देवी की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई के बाद गुरुवार को यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत कार से महज एक लीटर देसी शराब बरामद होने के कारण पूरी गाड़ी को ही नीलामी करना कानून सही नहीं है। ऐसे अपराध में अत्यधिक कठोर सजा देना न्यायसंगत नहीं है और असामानुपाती है।
उत्तर प्रदेश के देवरिया की रहने वाली अनीता की कार गत वर्ष 23 मई को शराबबंदी कानून के तहत जब्त की गई थी। आरोप था कि बिहार के गोपालगंज में गाड़ी की तलाशी के दौरान एक लीटर देसी शराब मिली। जिसे लेकर गोपालगंज मद्य निषेध थाने में शराबबंदी कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
जब्त कार को गोपालगंज के उत्पाद अधीक्षक ने 3,25,000 रुपए में गत वर्ष 13 नवम्बर को नीलाम कर दिया। कोर्ट ने कहा कि गाड़ी की नीलामी हो गई हैं, ऐसे में गाड़ी अब तीसरे पक्ष का अधिकार हो गया है। नीलाम हुई कार को वापस दिलाने का आदेश देना संभव नहीं है, लेकिन नीलाम राशि को गाड़ी मालकिन अनिता को वापस करना होगा। कोर्ट ने जुर्माने की राशि 10 हजार करते हुए गोपालगंज के अनुमंडल अधिकारी को कार की नीलामी से प्राप्त हुई राशि 3,25,000 से जुर्माने को घटाकर बची हुई राशि वापस लौटाने का आदेश दिया