न्यायायुक्त सह पोटा मामले के विशेष न्यायाधीश दिवाकर पांडे की अदालत ने गश्ती जीप को उग्रवादियों ने लैंड माइन्स विस्फोटक लगाकर उड़ा देने के मामले में ट्रायल फेस कर रहा उग्रवादी दिलीप चंद्रवंशी को दोषी करार कर सात साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माने की राशि नहीं देने पर उसे अतिरिक्त सात महीने जेल काटनी होगी। घटना का अंजाम 20 नवंबर 2002 को दिया गया था।
बेतला पिकेट पर प्रतिनियुक्त पुलिस जीप से बेतला-गारू रोड में गश्ती पर निकले थे। उसी समय घटना का अंजाम दिया गया था। घटना को लेकर लातेहार के बरवाडीह थाना में कांड संख्या 70/2002 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 13 गवाहों को प्रस्तुत किया गया था। जिसके आधार पर अदालत ने दोषी पाकर सजा सुनाई है। इसमें पांच डाक्टर गवाह शामिल हैं।